नई दिल्ली : अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे अरुण शौरी ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा सरकार की आर्थिक नीति दिशाहीन है, वहीं सामाजिक माहौल अल्पसंख्यकों के बीच अत्यंत चिंता पैदा कर रहा है। पत्रकार से नेता बने 73 वर्षीय शौरी ने कहा कि मोदी का एक साल का शासन आंशिक रूप से अच्छा है, प्रधानमंत्री के रूप में विदेश नीति में उनकी ओर से किया गया बदलाव अच्छा है, लेकिन अर्थव्यवस्था में किये गये वादे पूरे नहीं हुए। उन्होंने मोदी सरकार का एक साल पूरा होने से पहले हेडलाइन्स टुडे पर करण थापर को दिये विशेष साक्षात्कार में कहा कि सरकार नीतियों से ज्यादा चिंतित सुर्खियों में रहने को लेकर रहती है। हालात ऐसे हैं कि एक जिगसॉ पजल के कई टुकड़े इस तरह से बेतरतीब पड़े हैं कि उन्हें एक साथ जोड़ने के बारे में दिमाग में कोई बड़ी तस्वीर साफ नहीं है। इन दिनों भाजपा में सक्रिय भूमिका नहीं निभा रहे शौरी ने कहा कि वादों के बावजूद पूर्वप्रभावी करों और उत्पादन के लिए प्रोत्साहनों पर विदेशी निवेशकों की आशंकाओं पर जमीन पर काम नहीं दिखाई दिया है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को स्थिरता और पूर्वानुमान की क्षमता चाहिए। शौरी ने कहा कि जानेमाने बैंकर दीपक पारेख द्वारा जमीनी हालात पर जताई गयी चिंता को आगाह करने के तौर पर लिया जाना चाहिए।