ट्रंप की दरियादिली, कहा- खशोगी की हत्या के बाद भी सऊदी के साथ है अमेरिका
अमेरिका ने इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में खशोगी की हत्या में भूमिका के लिये वहां के 17 लोगों पर पिछले सप्ताह प्रतिबंध लगाया था। ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसा इसलिए क्योंकि मेरे लिए अमेरिका पहले आता है।’’ उन्होंने कहा कि खशोगी की हत्या के बावजूद अमेरिका अपने हित साधने और उस क्षेत्र में मौजूद इजराइल तथा अन्य सहयोगियों के हितों के लिए सऊदी अरब का मित्र बना रहेगा। ट्रंप ने कहा, ‘‘हमारा महत्वपूर्ण लक्ष्य पूरी दुनिया से आतंकवाद के खतरे को खत्म करना है।’’
खशोगी मामले को लेकर ट्रंप के बयान की विपक्ष कटु आलोचना कर रहा है। डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर डिएन फिन्स्टिन ने कहा, ‘‘मुझे यह जानकार सदमा लगा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के लिए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को कोई सजा नहीं मिलेगी।’’
सीनेटर और डेमोक्रेटिक पार्टी के कई अन्य सांसदों ने सऊदी अरब को हथियार बेचने के लिए होने वाले सौदे को रोकने के लिए प्रस्ताव लाने की घोषणा की है। थैंक्सगिविंग की छुट्टियों में फ्लोरिडा जाने से पहले व्हाइट हाउस में संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा कि उनका फैसला ‘अमेरिका पहले है’ के सिद्धांत पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सैकड़ों अरब डॉलर के सौदे को यूं ही नहीं छोड़ सकते हैं और उसे रूस और चीन और बाकी सभी के हिस्से में नहीं जाने दे सकते। बेहद साधारण सी बात है.. मेरे लिए ‘अमेरिका पहले’’ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम सऊदी अरब से संबंध तोड़ लेंगे तो मुझे लगता है कि तेल की कीमतें आसमान छूने लगेंगी। मैंने उन्हें नीचे रखा है। उन्होंने इसे नीचे रखने में मेरी मदद की है। तुलनात्मक रूप से तेल की कीमतें कम हैं और मैं उसे और नीचे जाते हुए देखना चाहता हूं।’’
ट्रंप ने दलील दी, ‘‘मुझे लगता है कि मेरे लिए यह बहुत सरल समीकरण है। मेरा लक्ष्य अमेरिका को फिर से महान बनाना है और मेरे लिये अमेरिका पहले है।’’ उन्होंने इस संबंध में मानवाधिकार के उल्लंघन को बर्दाश्त करने के आरोपों को भी खारिज किया।