आज गुरु होंगे वक्री, जानिए किस राशि पर पड़ेगा इसका शुभ-अशुभ असर…
धनु तथा मीन राशि के स्वामी गुरु का वक्री होना पृथ्वी वासियों विशेष करके केंद्र एवं राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्रियों, साधु-संतो और अन्य आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं, आंधी तूफानों के अधिक से अधिक आने के संकेत है।
मेष राशि- राशि से दशमभाव में गुरु कार्यक्षेत्र में अनिश्चितता का माहौल बनाएंगे किंतु, शुभ ग्रह होने के फलस्वरूप यह नौकरी में पदोन्नति और स्थान परिवर्तन का भी योग बनाएंगे। नई सर्विस के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करना चाहें तो अवसर अच्छा रहेगा। विदेश यात्रा अथवा विदेशी नागरिकता के लिए आवेदन आदि करना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि- राशि से धर्मभाव में बृहस्पति का गोचर आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा तो बढ़ाएगा किन्तु धर्म-कर्म के मामलों में अधिक खर्च होगा। संतान संबंधी चिंता से कुछ मानसिक अशांति रहेगी। नवदंपति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के योग बन रहे हैं। मकान वाहन से संबंधित क्रय का संकल्प पूर्ण होने के योग।
मिथुन राशि- राशि से अष्टमभाव में बृहस्पति मिले-जुले फल देंगे। स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव रहेगा। कार्य क्षेत्र में भी षड्यंत्र का शिकार होने से बचे। अचल संपत्ति के साथ वाहन खरीदने का संकल्प पूर्ण होगा। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों से मतभेद ना पैदा होने दें। आपके अपने ही लोग नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे, सावधान रहें।
कर्क राशि- राशि से सप्तमभाव में बृहस्पति का गोचर करना दैनिक व्यापारियों के लिए शुभ रहेगा किंतु, शादी विवाह से संबंधित वार्ता में थोड़ा विलंब हो सकता है। ससुराल पक्ष से रिश्ते बिगड़ने न दें, इस अवधि के मध्य साझा व्यापार आरंभ करने से बचें। उच्चाधिकारियों से भी मधुर संबंध बनाए रखें, शासन सत्ता का सदुपयोग करें।
सिंह राशि- राशि से छठें शत्रुभाव में बृहस्पति का वक्री होना गुप्त शत्रुओं से परेशान करेगा। इस अवधि के मध्य अधिक कर्ज के लेन-देन से और फिजूलखर्ची से भी बचें। कोर्ट कचहरी के मामले बाहर ही सुलझा लें तो बेहतर रहेगा। कष्टकर यात्रा भी करनी पड़ सकती है, किसी अप्रिय समाचार से मन अशांत होगा।
कन्या राशि- राशि से पंचमभाव में गुरु के वक्री होने से प्रेम संबंधी मामलों में तो नुकसान हो सकता है किंतु शिक्षा प्रतियोगिता में अच्छी सफलता मिलेगी संतान के दायित्व की पूर्ति होगी नव दंपति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रभाव कभी योग बन रहा है। परिवार के सदस्यों से लाभ होगा और बड़े भाइयों से मतभेद पैदा होने दें।
तुला राशि- राशि से चतुर्थ भाव में गुरु का वक्री होना पारिवारिक एवं मानसिक अशांति लाएगा। यात्रा के समय सामान चोरी होने से बचाएं। माता पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें फिर भी, मकान वाहन से संबंधित क्रय का संकल्प पूर्ण होगा। कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा और सामाजिक जिम्मेदारियां बढ़ेंगी।
वृश्चिक राशि- तृतीय पराक्रम भाव में गुरु का वक्री होना आपके स्वभाव में उग्रता ला सकता है इसलिए संयम बरकरार रखें। सामाजिक कार्यों के प्रति जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। संतान संबंधी चिंता से मुक्ति मिलेगी। शादी विवाह से संबंधित वार्ता भी सफल रहेगी दैनिक व्यापारियों के लिए विशेष शुभ।
धनु राशि- राशि से द्वितीय धनभाव में बृहस्पति का वक्री होना मिलाजुला फल देगा किसी महंगी वस्तु का क्रय करेंगे। आकस्मिक धन प्राप्ति के योग भी बनेंगे। परिवार में आपसी मेलजोल बनाकर रखें, टकराव की स्थिति उत्पन्न होने दें। कार्यक्षेत्र में षड्यंत्र का शिकार होने से बचें। उच्चाधिकारियों से मधुर संबंध बनाकर रखें।
मकर राशि- आपकी राशि में ही वृहस्पति का वक्री होना मानसिक तनाव देगा और कहीं ना कहीं आप में अहंकार का भाव पैदा होगा इससे बचें। अपनी जिद एवं आवेश पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करेंगे तो सफलता मिलती रहेगी। शिक्षा प्रतियोगिता में सफलता एवं शादी विवाह संबंधित वार्ता सफल रहेगी। दैनिक व्यापारियों के लिए विशेष लाभ।
कुंभ राशि- राशि से हानिभाव में बृहस्पति का वक्री होना कुछ अप्रिय सूचना दे सकता है। भागदौड़ की अधिकता रहेगी कष्टकर यात्रा भी करनी पड़ सकती है। अधिक व्यय के परिणामस्वरूप आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ सकता है। गुप्त शत्रुओं के साथ ही इस अवधि के मध्य उधार देने से भी बचें अन्यथा दिया गया धन वापस आने में संदेह।
मीन राशि- राशि से लाभभाव में बृहस्पति का वक्री होना परिवार के बड़े सदस्यों से मतभेद तो पैदा कर सकता है किंतु लाभ मार्ग प्रशस्त होगा। रुका हुआ धन आएगा। विद्यार्थियों के लिए यह समय किसी वरदान से कम नहीं है, इसलिए परीक्षा में अच्छी सफलता के लिए पढ़ाई में भी अधिक समय लगाएं। प्रेम संबंधों में समय नष्ट न करें।