मुजफ्फरपुर (एजेंसी): मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन की सक्रियता के कारण ह्यूमैन ट्रैफिकिंग के एक बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए शुक्रवार को 10 बच्चों को रिहा कराया गया है।बताया जा रहा है कि इन बच्चों को तस्कर बस से अररिया से दिल्ली ले जा रहे थे जहां से उन्हें लुधियाना, हैदराबाद और अन्य जगहों पर बाल मजदूरी के लिए भेजा जाना था। पुलिस ने दो बाल तस्करों को भी गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। जानकारी के अनुसार रेस्क्यू कराए के बच्चे अररिया के हैं जिन्हें तस्कर बहला- फुसलाकर अपने साथ ले जा रहे थे। सभी बच्चे गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं ।
मुज़फ़्फ़रपुर के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह को इसकी गुप्त सूचना मिली थी । जिलाधिकारी के निर्देश पर बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक उदय कुमार झा के नेतृत्व में टीम गठित की गई. जिसमें गायघाट के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी वरुण कुमार और कांटी थानेदार कुंदन कुमार की टीम बनाई गई । टीम ने कांटी थाना के सदातपुर में खड़ी उस बस को रोकना चाहा तो वह नहीं रुकी। पुलिस ने खदेड़ कर बस को कांटी के छपरा धर्मपुर यदु गांव में घेर लिया। रोक कर जब तलाशी ली गई तो उसमें 10 बच्चे मिले।
सहायक निदेशक उदय झा ने बताया कि इन बच्चों के अभिभावक उनके साथ नहीं थे और बच्चों को यह भी पता नहीं था उन्हें कहां और क्यों ले जाया जा रहा है।उदय झा ने बताया कि यह एक गंभीर अपराध है।इसे देखते हुए अररिया के बाल तस्कर मोहम्मद मकसूद और मोहम्मद अंसिर को हिरासत में ले लिया गया है।पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।इधर सभी बच्चों को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया है जहां उनकी काउंसलिंग हो रही है ।