नई दिल्ली: दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) प्रशासन से बातचीत के बाद नर्सेज यूनियन द्वारा हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया गया है। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने एम्स नर्सेज यूनियन की हड़ताल पर रोक लगा देते हुए यूनियन से काम पर लौटने को कहा था।
जस्टिस नवीन चावला की बेंच एम्स अस्पताल की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया था। कोर्ट ने यूनियन को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले पर अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी।
सुनवाई के दौरान एम्स प्रशासन ने कहा कि एम्स नर्सेज यूनियन की मांगों पर विचार किया जा रहा है। एम्स प्रशासन ने कहा कि नर्सों की हड़ताल गैरकानूनी है और ऐसा करना औद्योगिक विवाद अधिनियम के अनुरुप नहीं है।
एम्स प्रशासन ने कहा कि नर्सों की हड़ताल से कोर्ट के उस आदेश का उल्लंघन होता है जिसमें एम्स के कर्मचारियों को हड़ताल जैसे कदम उठाने से मना किया।
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उल्लेखनीय है कि एम्स की करीब पांच हजार नर्सें बीते 14 दिसम्बर की दोपहर से हड़ताल पर थीं। इससे एम्स में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं। नर्सों की मुख्य मांगों में छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूसर करना शामिल है।
नर्सों ने कांट्रैक्ट पर बहाली पर रोक और नर्सों के लिए आवास की व्यवस्था रोके जाने समेत कई दूसरी मांग के खिलाफ हड़ताल किया।
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