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पटवारी बनने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट देने वाले 47 युवाओं को 2 साल की कैद

स्तक टाइम्स/एजेंसी- jail___364009797_16_11_2015उज्जैन। पटवारी बनने के लिए कम्प्यूटर पाठ्यक्रम (पीजीडीसीए) का फर्जी प्रमाण-पत्र देने के मामले में 11 साल बाद कोर्ट ने क्लास संचालक सहित 48 आरोपियों को सजा सुनाई है। संचालक को 3 वर्ष और अन्य आरोपियों को 2-2 साल कैद की सजा सुनाई गई है। दो आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।

एक आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुआ, इस कारण उसकी सजा पर फैसला नहीं आया है। डीपीओ विमल कुमार छाजेड़ ने बताया वर्ष 2004 में पटवारी भर्ती परीक्षा में आवेदन के लिए अभ्यर्थी को पीजीडीसीए डिप्लोमा करना जरूरी था। परीक्षा के लिए शहर के करीब 50 छात्रों ने बिग बाइट कम्प्यूटर सेंटर के संचालक सुरेंद्र पिता सुभाष जैन निवासी दौलतगंज से प्रमाण-पत्र बनवाए थे। जांच के दौरान प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए थे।

इस पर सभी के खिलाफ देवासगेट थाने में 9 दिसंबर 2004 को धारा 420, 467, 471 के तहत केस दर्ज किया गया था। 11 साल बाद मामले में कोर्ट ने 48 आरोपियों के खिलाफ फैसला सुनाया है। संचालक सुरेंद्र जैन को 3 साल तथा अन्य 47 आरोपियों को 2-2 साल कैद की सजा सुनाई है।

एडीओपी दीपेंद्र मालू ने बताया कि दो आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। एक आरोपी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। सभी को कोर्ट ने जमानत पर छोड़ दिया।

 
 

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