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एक्शन में योगी, धर्मांतरण के धंधेबाजों पर लगेगा एनएसए

मुख्यमंत्री ने प्रॉपर्टी जब्त करने के दिये निर्देश

लखनऊ : प्रदेश में धर्मांतरण कराने वाले एक गिरोह के खुलासे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच एजेंसियों को धर्मांतरण मामले की पूरी तह में जाने का निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जो भी लोग इस मामले में संलिप्त हैं उनके खिलाफ गैंगस्टर लगाएं, एनएसए में निरुद्ध किया जाए। उनकी प्रॉपर्टी जब्त करने की कार्रवाई की जाए। धर्मांतरण करने वाले गिरोह के दो सदस्यों मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को यूपी पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने लखनऊ से सोमवार को गिरफ्तार किया था। यह गिरोह मूक बधिर व कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्म परिवर्तन करने के लिए तैयार करता था। इस गिरोह को आईएसआई समेत अन्य विदेशी एजेंसियों से फंडिंग की जाती थी।

गिरोह ने अब तक देश भर में करीब एक हजार लोगों का धर्मांतरण कराने का खुलासा किया है। उनके कब्जे से विदेशी फंड से जुड़े दस्तावेज़ भी बरामद हुए हैं। एटीएस इनकी छानबीन कर रही है। एटीएस दोनों को अदालत से पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी, ताकि उसके रैकेट का खुलासा हो सके। वहीं एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को बताया था कि यह गिरोह कई लड़कियों की धर्मांतरण के बाद शादी भी करवा चुका है। गिरोह के सदस्य मोहम्मद उमर गौतम ने खुद भी धर्मांतरण किया था।

उमर मूल रूप से फतेहपुर का रहने वाला है और उसने 1984 में इस्लाम कबूल कर लिया था, उसके पिता का नाम धनराज सिंह गौतम है। एटीएस को देश के 1000 ऐसे लोगों की सूची मिली है, जिनका इस गिरोह ने धर्मांतरण कराया है। यह संख्या और भी ज्यादा हो सकती है। गिरफ्तार अभियुक्त मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी नई दिल्ली के जामिया नगर इलाके के ग्राम जोगाबाई में रहता है, जबकि उसका सहयोगी मोहम्मद उमर गौतम नई दिल्ली के जामिया नगर इलाके के बाटला हाउस में रहता है।

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