UAE ने पहली बार दिया गैर मुस्लिम जोड़े को विवाह का लाइसेंस
नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पहली बार एक गैर मुस्लिम जोड़े को नागरिक विवाह लाइसेंस जारी किया है। UAE हालिया सालों में अपने कानूनों को अधिक समावेशी बनाने के लिए कानूनों में संशोधन कर रहा है। बता दें कि UAE की कुल आबादी का 90 फीसद विदेशी है। ऐसे में UAE खुद को उदार दिखाने में कोशिश में है। सरकारी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट मुताबिक अबूधाबी की अमीराती राजधानी में गैर-मुस्लिम को लेकर नए कानून के तहत एक कनाडाई जोड़े ने सबसे पहले शादी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कदम से दुनिया भर के स्किल्स और एक्सपर्टीज वाले लोगों के लिए टॉप डेस्टिनेशन बनेगा।
विदेशी निवेश पर है UAE का फोकस?
बता दें कि मिडिल ईस्ट में इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म के मानने वालों का कानूनी विवाह असामान्य है। आमतौर पर इन तीनों एकेश्वरवादी मान्यताओं में से एक के धार्मिक अधिकार के तहत विवाह का कार्आयक्योरम जित किया जाता है। ट्यूनीशिया और अल्जीरिया जैसे देशों में नागरिक विवाह की इजाजत है। माना जा रहा है कि मिडिल ईस्ट के देशों में बन रहे बिजनेस सेक्टर को देखते हुए UAE ने बढ़त हासिल करने के लिए ऐसा कदम उठाया है। UAE ने अपनी अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेश और प्रतिभा के लिए अधिक आकर्षक बनाने के लिए पिछले एक साल में कई उपाय किए हैं। इसमें लंबी अवधि के वीजा की शुरुआत भी शामिल है। इसने शादी से पहले लिवलिन में रहने, शराब और व्यक्तिगत स्थिति कानूनों के संबंध में कानूनों को भी संशोधित किया है।
UAE और सऊदी जैसे देश कर रहे कानूनों में बदलाव
UAE ने दिसंबर महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि सभी सरकारी संस्थाएं पश्चिमी शैली का वर्किंग स्टाइल अपनाएंगी। इस घोषणा के बाद UAE में अब शुक्रवार दोपहर तक ऑफिस और शनिवार और रविवार को छुट्टी रहेगी। UAE के साथ ही सऊदी अरब भी कई सेक्टर में अपने पांव फैलाने की कोशिश में जुटा हुआ है। सऊदी अरब अपनी राजधानी रियाद को एक इंटरनेशनल सेंटर में बदलने की कोशिश में जुटा हुआ है। सऊदी अरब ने महिलाओं के ड्राइविंग पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है और मुस्लिम ड्रेस कोड में ढील दी है।