अन्तर्राष्ट्रीय

अभिभावकों से बोले पोप फ्रांसिस- अगर आपके बच्चे समलैंगिक हैं तो उनका समर्थन करें, उनसे घृणा नहीं

वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस ने बुधवार को कहा कि समलैंगिक (Gay) बच्चों के माता-पिता को उनकी निंदा नहीं करनी चाहिए बल्कि उन्हें समर्थन देना चाहिए। अपने संबोधन में पोप ने लोगों को उन कठिनाइयों से अवगत कराया जिनका मां-बाप को संतान पैदा करने के समय सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि आपकी संतान समलैंगिक हो सकती है, ऐसे में आपको उसे त्यागने के बजाय उसका समर्थन करना है और समाज के रवैये से भी लड़ने के लिए तैयार रहना है।

इससे पहले भी पोप फ्रांसिस ने अपने एक भाषण में कहा था कि समलैंगिक बच्चों को उनके परिवार द्वारा एक बच्चे और एक भाई या बहने के रूप में स्वीकार किए जाने का अधिकार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि चर्च समलैंगिक विवाह को स्वीकार नहीं कर सकता है, लेकिन यह समलैंगिक भागीदारों को पेंशन, स्वास्थ्य देखभाल और विरासत जैसे मुद्दों के क्षेत्रों में संयुक्त अधिकार देने के उद्देश्य से नागरिक संघ कानूनों का समर्थन कर सकता है। बता दें कि पिछले साल वेटिकन सिटी के सैद्धांतिक कार्यालय ने एक दस्तावेज जारी किया जिसमें कहा गया था कि कैथोलिक पादरी समान-लिंग के जोड़ों को आशीर्वाद नहीं दे सकते। इस निर्णय ने समलैंगिक कैथोलिकों के बहुत निराश किया था। हालांकि कुछ देशों जैसे अमेरिका और जर्मनी में पादरियों ने ने समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद देना शुरू कर दिया है और उन्होंने बिशपों से इसे संस्थागत बनाने को भी कहा है।

हालांकि कुछ रूढ़िवादियों ने पोप के इस भाषण को भ्रामक बताया है, उन्होंने कहा कि पोप ने समलैंगिकता पर मिली जुली प्रतिक्रिया दी है और उनहे इस भाषण ने लोगों को भ्रमित कर दिया है। चर्च सिखाता है कि समलैंगिकों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए क्योंकि समान-यौन कृत्य पापपूर्ण हैं लेकिन समलैंगिक प्रवृत्तियां पाप नहीं हैं।

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