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यशवंत सिन्हा ने द्रौपदी मुर्मू को बधाई देने के साथ कसा तंज, केन्द्र पर साधा निशाना

नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) में एनडीए की उम्मीदवार (NDA candidate) द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) की बड़े अंतर से जीत हुई है। वहीं विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार (Opposition’s joint candidate) यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को उम्मीद से भी कम वोट मिले हैं। भाजपा का दावा है कि लगभग 17 सांसदों ने भी क्रॉस वोटिंग की थी। परिणामों में यह निकलकर सामने भी आया है। हालांकि यशवंत ने अपनी हार स्वीकार कर ली और द्रौपदी मुर्मू को बधाई देने में देर नहीं की। बधाई के साथ उन्होंने तंज भी कस दिया।

यशवंत सिन्हा ने कहा, मैं राष्ट्रपति चुनाव 2022 में श्रीमती द्रौपदी मुर्मी जी की जीत पर उन्हें बधाई देता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि वास्तव में भारत के लोग उम्मीद करते हैं कि भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में वह बिना किसी ‘डर’ या पक्षपात के संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करें। मैं देशवासियों के साथ उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।

यशवंत ने आगे कहा, परिणाम चाहे जो भी रहे हों लेकिन मेरा मानना है कि इससे भारतीय लोकतंत्र को दो फायदे हुए हैं। पहला अधिकांश विपक्षी दल एक मंच पर आए। ये वास्तव में समय की मांग है। मैं विपक्ष के नेताओं से मांग करता हूं कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद भी एकतना बनाए रखें और इसे मजबूत करें। उपराष्ट्रपति चुनाव में यह स्पष्ट तौर पर दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरा फायदा यह हुआ है कि देश और आम लोगों के सामने विपक्षी दलों के विचारों, चिंताओं को रखा गया।

केंद्र सरकार पर भी निशाना
सिन्हा ने भाजपा सरकार पर भी हमला बोला और कहा, एजेंसियों का दुरुपयोग दलबदल करवाने और विपक्षी दलों द्वारा चलाई जदा रही सरकारों को गिराने के लिए भी किया जा रहा है। भारत के लोगों ने राजनीति में इतना भ्रष्टाचार कभी नहीं देखा। ध्रुवीकरण जहरीली राजनीति भारत में लोकतंत्र और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए गंभीर खतरा बन गई है।

ममता बनर्जी ने भी अलग अंदाज में दी बधाई
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अलग ही अंदाज में द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी। उन्होंने कहा, मैं नवनिर्वाचित राष्ट्रपति माननीय द्रौपदी मुर्मू को बधाई देती हूं। राष्ट्र की मुखिया के तौर पर देश आपकी ओर देख रहा है कि आप संविधान के आदर्शों की रक्षा करेंगी और लोकतंत्र की संरक्षक होंगी। खासकर तब कि जब देश कई तरह के कलह में फंसा हुआ है।

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