दीपावली के अगले दिन बंद रहेगा काशी विश्वनाथ मंदिर, जानिए कब होगी पूजा
नई दिल्ली : साल का अंतिम सूर्य ग्रहण दीपावली Dipawali) पर्व पर 25 अक्टूबर यानि मंगलवार को लगेगा। 40 मिनट की अवधि वाला सूर्य ग्रहण स्वाति नक्षत्र एवं तुला राशि में लगेगा। इससे पहले यह सूर्य ग्रहण का संयोग दीपावली Dipawali) पर 27 साल पहले 24 अक्टूबर 1995 को भी दीपावली पर पड़ा था। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण था, लेकिन मोक्ष काल के बाद दीपावली होने से त्योहारों पर ब्रेक नहीं लगा। यह पहली बार होगा जब पंच पर्व पर सूर्य ग्रहण का ब्रेक लगेगा। ग्रहण होने के कारण गोवर्धन पूजा 1 दिन बाद 26 अक्टूबर को होगी।
दीपावली (Dipawali) के अगले दिन मंगलवार को साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा। खंडग्रास ये सूर्य ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। 25 अक्टूबर (मंगलवार) को लगने वाले इस सूर्य ग्रहण के कारण नाथों के नाथ बाबा विश्वनाथ अपने भक्तों को 5 घंटे तक दर्शन नहीं देंगे। इसके अलावा खजाने वाली देवी यानी माता अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी प्रतिमा के दर्शन भी साढ़े पांच घंटे तक नहीं होगा और न ही उनका खजाना विरतीत किया जाएगा। बाबा विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह सहित परिसर स्थित सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि दोपहर 2 बजे पूजा अर्चना के बाद बाबा के कपाट बंद हो जाएंगे। इसके बाद ग्रहण के मोक्ष के बाद शाम 7 बजे उनका मंदिर खुलेगा जिसके बाद भक्त उनका दर्शन कर सकेंगे। वहीं अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पूरी ने बताया कि दोपहर 2 बजे से शाम साढ़े 7 बजे तक देवी का मंदिर बन्द रहेगा। उसके बाद जब कपाट खुलेंगे तो देवी के दर्शन के साथ लोग उनका खजाना भी प्राप्त कर सकेंगे. रात 12 बजे तक दर्शन का ये दौर चलेगा।
शास्त्रों के मुताबिक सूर्यग्रहण के 8 घंटे पहले सूतक काल का प्रारंभ हो जाता है। सूतक काल में देव विग्रह के स्पर्श की मनाई होती है। इसके अलावा इस समय देव आराधना के अलावा भजन, कीर्तन और मंत्र जाप का विशेष फल भी मिलता है।
40 मिनट की अवधि वाले ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले यानी 25 अक्टूबर को सुबह 4.29 पर लगेगा और ग्रहण का स्पर्श दिन के 4.31 पर होगा। ग्रहण का मध्य काल 5.14 बजे और मोक्ष काल 5.57 पर होगा।