पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र ने दिए 3000 करोड़, जानें राज्य सरकारों ने पैसे का क्या किया ?
लखनऊ: उत्तर भारत में लगातार जलाई जा रही पराली के कारण जहरीली हो रही हवा को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने प्रभावित चारों राज्यों को 3 हजार करोड़ रुपये जारी किए हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार (4 नवंबर) को एक चर्चा के दौरान तमाम राज्यों से सामूहिक प्रयास करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने पराली को जलाने से रोकने की योजनाओं के तहत यह धनराशि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को दी गई है. हालांकि, कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि इस धनराशि का अभी एक तिहाई हिस्सा खर्च नहीं किया गया है.
तोमर ने पंजाब सहित उत्तर भारत के चार बड़े राज्यों में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर शुक्रवार को चिंता जताते हुए राज्यों से इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि 2018 से केंद्र सरकार ने राज्यों को पराली जलाने की घटनाओं के प्रबंधन के लिए कोष और मशीनें मुहैया कराई हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पराली जलाना कोई सियासी मुद्दा नहीं है और राज्यों को इस पर लगाम लगाने की दिशा में काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान निकाय ICAR द्वारा विकसित पूसा डीकंपोजर पराली जलाने की समस्या से निपटने के मद्देनजर बेहद असरदार है. तोमर ने राज्य सरकारों के साथ-साथ किसानों से ऐसी और तकनीक का इस्तेमाल करने का आग्रह किया.
बता दें कि, पूसा डिकंपोजर की मदद से पराली को सामान्य तौर पर लगने वाले वक़्त की तुलना में बेहद तेजी से खाद में तब्दील किया जा सकता है. यह किफायती होने के साथ ही मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है. पूसा डिकंपोजर पर आयोजित किए गए एक दिवसीय समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, करोड़ों रुपये और दो लाख मशीन मुहैया कराने के बाद भी पराली जलाने की घटनाओं में इजाफा हो रहा है, जो चिंता का विषय है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2018-19 से, केंद्र सरकार ने चार राज्यों, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा, को पराली जलाने की समस्या के प्रबंधन के लिए 3,138 करोड़ रुपये दिए हैं, जिसमें से 1,400 करोड़ रुपये से ज्यादा पंजाब को, 900 करोड़ रुपये हरियाणा को, 713 करोड़ रुपये यूपी को और 6 करोड़ रुपये दिल्ली को प्रदान किए गए हैं. कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि, दावा किया कि कुछ राज्यों, खासकर यूपी और हरियाणा ने अच्छा काम किया है.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने पराली जलाने की स्थिति पर संबंधित राज्य सरकारों के अधिकारियों के साथ एक हफ्ते पहले समीक्षा बैठक की थी. उन्होंने कहा कि अगर संबंधित राज्यों के सीएम इस मामले पर और विचार-विमर्श करना चाहते हैं, तो वह उनका स्वागत करेंगे. तोमर ने कहा कि पराली जलाने की समस्या के एक मुख्य मुद्दा बनने के साथ ही केंद्र, राज्यों और न्यायपालिका ने इस पर ध्यान दिया है और योजनाओं को लागू किया गया है.
तोमर ने कहा कि बतौर कृषि मंत्री उन्हें बुरा लगता है, जब दिल्ली में प्रदूषण में बढ़ोतरी के लिए किसानों को कसूरवार ठहराया जाता है. तोमर ने कहा कि, मैं कृषि मंत्री हूं और किसान समुदाय का प्रतिनिधित्व करता हूं. यदि दिल्ली में किसानों की वजह से प्रदूषण बढ़ता है, तो मुझे लगता है कि वे मुझे दोष दे रहे हैं. किसानों पर लगे इस कलंक से निजात पाना सभी की जिम्मेदारी है.