‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ को चला रहे हैं 4 ‘C’ : प्रो. द्विवेदी
जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय में ‘मीडिया मैटर्स’ सीरीज का शुभारंभ
नई दिल्ली, 30 जनवरी। जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर मीडिया एंड मास कम्युनिकेशन स्टडीज द्वारा प्रारंभ ‘मीडिया मैटर्स’ सीरीज का शुभारंभ करते हुए भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने कहा कि आज पारंपरिक मीडिया स्वयं को डिजिटल मीडिया में परिवर्तित कर रहा है। इस ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ को अगर कोई चला रहा है, तो वो चार ‘C’ हैं। इन चार ‘C’ का मतलब है, Content, Communication, Commerce और Context । जब ये चारों ‘C’ मिलते हैं, तब एक पारंपरिक मीडिया हाउस, डिजिटल मीडिया हाउस में बदलता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अफसार आलम, केंद्र की निदेशक एवं डीन प्रो. रेशमा नसरीन एवं सीरीज के आयोजक प्रो. फरहत बशीर खान भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि इन चार ‘C’ के अलावा 3 ‘V’ यानि Voice, Video और Vernacular भी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जो लोग पढ़ या लिख नहीं सकते, वे पॉडकास्ट और वीडियो के माध्यम से कंटेंट को समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के हर कोने में भारतीयों के साथ, भारत की स्थानीय भाषाओं ने भी अपना स्थान बनाया है। इसलिए हमें अपनी मातृभाषाओं पर ध्यान देना चाहिए।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में भारत को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि विश्व मीडिया भारतीय सिद्धांतों और मूल्यों का पालन करे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता को बहुत कुछ विज्ञान की तरह होना चाहिए। जहां तक संभव हो, तथ्य सत्यापन योग्य होने चाहिए। यदि पत्रकार टिकाऊ विश्वसनीयता चाहते हैं, तो उन्हें इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
इस अवसर पर जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अफसार आलम ने कहा कि यह सीरीज लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका को समझने के लिए एक मंच प्रदान करेगी और मीडिया साक्षरता को बढ़ावा देगी, ताकि आम नागरिक मीडिया के साथ ज्यादा बेहतर तरीके से जुड़ पाएं। इसके अलावा मीडिया इंडस्ट्री के भीतर पारदर्शिता और नैतिक मानकों को बढ़ावा देने में भी ये सीरीज मददगार होगी, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी मजबूती मिलेगी।
डीन प्रो. रेशमा नसरीन ने कहा कि यह पहल सामाजिक जिम्मेदारी और नागरिक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के मूल्यों और प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है। इस अवसर पर सीरीज के आयोजक प्रो. फरहत बशीर खान ने इस सीरीज को जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति हकीम अब्दुल हमीद को समर्पित करते हुए कहा कि ये सीरीज न केवल जनसंचार और पत्रकारिता के छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि हमारे समाज में मीडिया की भूमिका को समझने में रुचि रखने वाले सभी लोगों के लिए भी फायदेमंद है।
जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय द्वारा प्रारंभ की गई इस सीरीज का उद्देश्य मीडिया से जुड़े विभिन्न मुद्दों के लिए एक मंच उपलब्ध कराना और समाज और लोकतंत्र पर मीडिया के प्रभाव का परीक्षण करना है।