आपकों कष्टों से चाहिए छुटकारा तो भोले को ऐसे करें प्रसन्न
मनुष्य के द्वारा भगवान शिव शंकर को प्रसन्न करने व इच्छा पूर्ति के लिए क्या कार्य किये जायें जो भोले शंकर जल्द प्रसन्न हो जायें और मनुष्यों को कष्टों से जल्द छुटकारा प्राप्त हो।
इस विषय पर शिव पुराण के रूद्र संहिता के 14 वें अध्याय में अन्न, फूल व जलधाराओं के महत्व को समझाया गया है। भगवान शिव के शिवलिंग पर विभिन्न प्रकार द्वारा पूजन किये जाने से लाभ।
– आयु की वृद्धि के लिए गाय के घी से रूद्राअभिषेक।
– धन प्राप्ति के लिए चावल गाय के दुध से पके खीर से अभिषेक करायें।
– भोग की इच्छा रखने वाले व्यक्तियों को भांग को गाय के शुद्ध दुध में घोट कर अभिषेक करना चाहिए।
– पुत्र की प्राप्ति के लिए गाय के दुध से निकले मक्खन के बने शिव लिंग पर दुध से या जल से अभिषेक करें।
– जौं, गेंहू, चावल, तीनों के आटे से बना शिवलिंग हो तथा उसका पूजन करें, तो सन्तान प्राप्ति होती है, पूजन शिव चालिसा, शिव तांडव स्त्रोत या शिव नामावली।
– जो व्यक्ति यश की प्राप्ति चाहता है उसे एक लाख अगस्त्य के फूलों से पूजा करनी चाहिए।
– जो व्यक्ति तुलसीदल से भगवान शिव शंकर की पूजा करते हैं उन्हें भोग और मोक्ष दोनों ही प्राप्त होते है। सफेद आंखे, अपमार्ग और श्वेत कमल के एक लाख फूलों से पूजा करने पर भी भोग व मोक्ष की प्राप्ति के मार्ग सुलभ होते हैं।
– जो व्यक्ति चमेली से शिव जी की पूजा करते हैं उन्हें वाहन सुख की प्राप्ति होती है।
– जिन व्यक्तियों को पत्नी सुख प्राप्ति में बाधाऐं उत्पन्न होती हों उन्हें भगवान शंकर की बेला के फूलों से पूजन करना चाहिए भगवान शिव की कृपा से अत्यन्त शुभ लक्ष्ण पत्नी की प्राप्ति होती है और इसी प्रकार स्त्रीयों को पति की प्राप्ति होती है।
– जूही के फूलों से शिव शंकर का पूजन किया जाये तो अन्न की कभी कमी नहीं रहती।
– कनेर के फूलों से पूजन करें तो वस्त्रों की प्राप्ति होती है।
– शेफालिका या सेदुआरि के फूलों से पूजन किया जाये तो मन सदेव निर्मल रहता है।
– हार सिंगार के फूलों से जो व्यक्ति शिव पूजन करें उसको सुख सम्पत्ति की प्राप्ति होती है।
– विवाह में बाधा आ रही हो वह चमेली के तेल को माहमृत्युंजय मन्त्र के साथ शिवलिंग पर चढायें।
– पति पत्नी में कलह हो तो वह मृत्युजंय मंत्र के उच्चारण के साथ गाय के दुध का मक्खन मिश्री में मिला कर शिंवलिंग पर चढायें तो कलह शांत होती है।
जो व्यक्ति कालसर्प योग से पिडित है उनको शिव रात्रि के दिन महामृत्युजंय मन्त्र का जाप करना चाहिए और बिल्व पत्र के पत्ते शिवलिंग पर चढाने के साथ-साथ सवा 5 रति के लहसूनिया व गोमेद भी चढाने चाहिए। जिन व्यक्तियों को शनि की साढे साती चल रही हो उन्हें काले तिल शिवलिंग पर गंगाजल के साथ चढाने चाहिए या भैरवी गायत्री मंत्र- ओम त्रिपुरायै च विद्महे भैरव्यै च धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात्। का जप करे।