महिलाओं की जिन्दगी बदलने का है यह मिशन, मुख्यमंत्री ने ग्राम सभा के सदस्यों से की अपील
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लाड़ली बहना योजना साधारण कार्य नहीं है। यह महिलाओं की जिन्दगी बदलने का मिशन है। गरीब, निम्न मध्यमवर्गीय, मजदूर, किसान परिवार की महिलाओं के जीवन की रोजमर्रा की परेशानियों को कम करने, उनका आत्म-विश्वास बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए शुरू की जा रही इस योजना के क्रियान्वयन में सभी जन-प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, अधिकारी-कर्मचारी मिशन मोड में अंतर्रात्मा से जुड़ें। योजना का प्रचार-प्रसार हर गाँव और वार्ड तक सुनिश्चित किया जाए। योजना में आवेदन के लिए बहनों की हरसंभव सहायता की जाए। माँ-बहनों के लिए आरंभ की गई यह योजना परिवारों के लिए लाभकारी और समाज के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगी। लाड़ली लक्ष्मी योजना की तरह ही लाड़ली बहना योजना केवल प्रदेश में ही नहीं देश में भी लोकप्रिय होगी। मुख्यमंत्री चौहान योजना के बारे में प्रदेश की सभी ग्राम सभाओं के सदस्यों के साथ निवास कार्यालय से वर्चुअली संवाद कर रहे थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारा प्रदेश विकास और प्रगति के पथ पर लगातार आगे बढ़ रहा है। विकास का प्रकाश हर गाँव तक पहुँचा है। गाँवों के लिए बेहतर सड़क, पीने के पानी की व्यवस्था, आवास, सामुदायिक भवन, स्कूल, आँगनवाड़ी, स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्था से विकास का यज्ञ चल रहा है। अधो-सरंचना विकास के साथ समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए भी योजनाएँ संचालित हैं। बहनों के सबल और आत्म-निर्भर बनने से ही देश-प्रदेश और समाज सशक्त बनता है। हमारे देश में यह मान्यता रही है कि जहाँ बहन-बेटियों का सम्मान होता है वहीं भगवान निवास करते हैं। लेकिन इतिहास के बीच के कालखंड में बहन-बेटियों का मान-सम्मान कम होता चला गया। बेटों की तुलना में बेटियों का अनुपात भी गड़बड़ाया। इस स्थिति में सुधार के लिए लागू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना के चमत्कारिक परिणाम सामने आए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहनों के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा कई फैसले लिए गए। राजनैतिक सशक्तिकरण के लिए पंचायत और नगरीय निकायों के चुनावों में महिलाओं के आरक्षण के साथ शासकीय सेवाओं में अवसर उपलब्ध कराने के लिए शिक्षक भर्ती में 50 तथा पुलिस भर्ती में 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई। बेटियों ने भी अपनी प्रतिभा सिद्ध की। लाड़ली लक्ष्मी योजना के साथ बेटियों को पढ़ाई के लिए पुस्तकें, साईकिल और छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई गई। पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप गाँव की बेटी, प्रतिभा किरण और लाड़ली लक्ष्मी योजना में अलग-अलग अंतराल पर राशि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई। महिलाओं का जीवन सरल बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कन्या विवाह और प्रसूति सहायता योजना भी संचालित की जा रही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की अत्यंत पिछड़ी बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों की महिलाओं को अपनी छोटी-मोटी जरूरतों की पूर्ति तथा परिवार के पोषण पर ध्यान देने के लिए एक हजार रुपये प्रति माह उपलब्ध कराने की योजना वर्ष 2017 से आरंभ की गई थी। इससे बहनों का आत्म-विश्वास बढ़ा, उन्होंने यह राशि सकारात्मक कार्यों में खर्च की और घरों में उनका सम्मान भी बढ़ा। मेरे मन में गरीब, मध्यमवर्गीय परिवारों की बहनों की स्थिति सुधारने की तड़प हमेशा से रही है। बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति की बहनों के लिए चलाई गई योजना के प्रभाव से यह विचार आया कि कठिन परिस्थितियों में रह रही प्रदेश की सभी बहनों के लिए ऐसी योजना चलाई जाए। परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना आरंभ की गई।
मुख्यमंत्री चौहान ने ग्राम सभा के सदस्यों को लाड़ली बहना योजना की पात्रता, आवश्यक दस्तावेजों और नियम प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि योजना का सभी वार्डों और गाँवों में प्रचार-प्रसार किया जाए। बहनों की ई-केवाइसी के लिए राज्य सरकार द्वारा राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए किसी भी व्यक्ति द्वारा पैसे मांगने की जानकारी मिलने पर तत्काल एफआईआर की जाए। आवेदन केन्द्रों पर इस आशय के पोस्टर लगाए जाएँ कि ई-केवाइसी नि:शुल्क होगी, इसके लिए कोई पैसा नहीं देना है।
मुख्यमंत्री चौहान ने आवेदन से जुड़ी तिथियों की जानकारी देते हुए कहा कि 30 अप्रैल तक आवेदन ऑनलाइन भरे जाएंगे। अनंतिम सूची सार्वजनिक स्थानों पर चस्पां की जाएगी। किसी को आपत्ति है तो वह पोर्टल पर अथवा पंचायत में लिखित में अथवा 181 नम्बर पर फोन कर आपत्ति दर्ज करा सकता है। आपत्तियों का निराकरण 15 से 30 मई तक किया जाएगा और 31 मई को अंतिम सूची पोर्टल पर प्रदर्शित करने के साथ ग्राम पंचायत कार्यालयों में चस्पां की जाएगी। बहनों के खाते में 10 जून से 1000 रूपये अंतरित किये जाना शुरू कर दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि आवेदन केन्द्रों पर बहनों के बैठने और पीने के पानी की उचित व्यवस्था की जाए। जिन गाँवों और वार्डों में नेटवर्क के कारण ई-केवाइसी की समस्या है, वहाँ बहनों को अन्य गाँव या वार्ड में ले जाकर ई-केवाइसी कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाए।