हिंसा प्रभावित सूडान में फंसे कुछ भारतीय सुरक्षित पहुंचे सऊदी अरब
खार्तूम : हिंसा प्रभावित सूडान से कुछ भारतीय सुरक्षित सऊदी अरब पहुंच गए हैं। हालांकि इनकी सटीक संख्या अभी नहीं पता चली है। सऊदी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि उसने सूडान से अपने और मित्र देशों के कुछ नागरिकों को बाहर निकाला है। इनमें कई राजनयिक भी हैं। बयान के अनुसार सऊदी अरब के 91 जबकि मित्र देशों के 66 नागरिक सुरक्षित निकाले गए हैं। इनमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, बुल्गारिया, कुवैत, कतर, यूएई, मिस्र, ट्यूनिशिया, फिलीपींस, कनाडा और बुर्किना फासो के नागरिक हैं। सऊदी अरब इन सभी को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है।
सूडान में हिंसा भड़कने के बाद विदेशी नागरिकों की पहली आधिकारिक निकासी बताई जा रही है। इन सभी को लेकर एक जहाज शनिवार को जेद्दा पहुंचा। सऊदी अरब ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के आग्रह के बाद भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद दी है। जयशंकर ने मंगलवार को सऊदी विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सौद से बात कर भारतीय नागरिकों की निकासी का आग्रह किया था।
सूडान से विदेशी नागरिकों की निकासी अब संभव हो सकेगी। दरअसल, सूडान पर नियंत्रण को लेकर सूडान आर्म्ड फोर्स (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच बीते एक सप्ताह से संघर्ष जारी है। इस बीच, दोनों पक्षों (सेना और अर्धसैनिक बल) ने घोषणा की है कि वह विदेशी नागरिकों की निकासी के लिए तैयार हैं। सूडान की सेना ने एक बयान में घोषणा की कि उसने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन सहित कई देशों के नागरिकों और राजनयिकों को निकालने में सहायता करने के लिए सहमति व्यक्त की है। बयान में कहा गया कि आने वाले घंटों के भीतर निकासी शुरू होने की उम्मीद है।
देशों को अपने नागरिकों को निकालने की अनुमति देने के लिए आरएसएफ ने शुक्रवार को घोषणा की कि वे सूडान में सभी हवाई अड्डों को आंशिक रूप से हवाई यातायात के लिए फिर से खोलने के लिए तैयार हैं। पिछले शनिवार को सेना (एसएएफ) और अर्द्धसैनिक बल (आरएसएफ) के बीच भीषण लड़ाई हुई। एसएएफ का नेतृत्व जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान कर रहे हैं जबकि आरएसएफ का नेतृत्व मोहम्मद हमदान डागालो कर रहे हैं।
एसएएफ ने अक्तूबर 2021 में तख्तापलट किया था। तबसे वह संप्रभुता परिषद के जरिए देश चला रहा है। वहीं, आरएसएफ खुद को देश की सेना का हिस्सा मान रहा हैं और सूडान में फिर से नागरिक सरकार स्थापित करना चाहता है। इसी के मद्देनजर दोनों में तनाव बढ़ा है। राजधानी खार्तूम में शुक्रवार को भी लड़ाई जारी रही। हालांकि, एसएएफ ने कहा कि वह प्रतिद्वंद्वी आरएसएफ के साथ तीन दिवसीय संघर्ष विराम के लिए एक समझौते पर पहुंच गई है, ताकि नागरिकों को ईद-उल-फितर के त्योहार मनाने की अनुमति मिल सके। आरएसएफ ने इससे पहले दिन में घोषणा की था कि ईद के मद्देनजर 72 घंटे का संघर्ष विराम किया गया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया, स्पेन और अमेरिका सहित विभिन्न देश दूतावास के कर्मचारियों को निकालने में असमर्थ रहे। खार्तूम का हवाई अड्डा हिंसा के बीच घिरा हुआ है और आसमान असुरक्षित है। एक पश्चिमी राजनयिक के अनुसार, सूडान से अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण निकासी की स्थिति है। अमेरिका संघर्ष विराम कराने पर फोकस कर रहा है ताकि उसके कर्मियों को निकाला जा सके।
वाशिंगटन ने कहा है कि सूडान में रहने वाले अमेरिकी नागरिकों को उनकी सरकार के कॉर्डिनेशन से निकासी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अधिकारी सैकड़ों अमेरिकी लोगों के संपर्क में हैं जिनके बारे में माना जाता है कि वे सूडान में हैं। विदेश विभाग ने शुक्रवार को वहां एक अमेरिकी नागरिक की मौत की पुष्टि की।
सऊदी विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि लड़ाई शुरू होने के बाद से सूडान से बचाए गए विदेशी राजनयिकों और अधिकारियों सहित 150 से ज्यादा लोग शनिवार को जेद्दाह पहुंचे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सेना की अन्य शाखाओं के समर्थन से राज्य के नौसैनिक बलों द्वारा निकासी की गई। इसने 92 सऊदी नागरिकों और 12 देशों के करीब 66 अन्य नागरिकों के सुरक्षित आगमन की घोषणा की। इन देशों में कुवैत, कतर, यूएई, मिस्त्र, ट्यूनिशिया, पाकिस्तान, भारत, बुल्गारिया, बांग्लादेश, फिलीपींस, कनाडा और बुर्कीना फासो के नागरिक शामिल हैं।