रायपुर : गरियाबंद जिले में लाइलाज बीमारी प्रोजेरिया से जूझ रहे 18 साल के शैलेंद्र ध्रुव का सोमवार रात निधन हो गया है। शैलेंद्र की इच्छा पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अक्टूबर 2021 में उसे एक दिन का कलेक्टर बनाया था। उस वक्त 16 साल का शैलेंद्र 11वीं कक्षा का छात्र था। शैलेंद्र मेडकी डबरी का रहने वाला था।
जानकारी के मुताबिक, एक दिन के कलेक्टर रहे शैलेंद्र ध्रुव की तबीयत सोमवार रात 9 बजे के करीब बिगड़ी। उसे सीने में तेज दर्द होने लगा। उसके परिजन उसे रसेला के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां शैलेंद्र की हालत बिगड़ती चली गई। उसने रात 10.30 बजे आखिरी सांस ली।
”सुबह दुखद सूचना मिली, शैलेंद्र ध्रुव अब हमारे बीच नहीं रहे। गरियाबंद के छुरा के ग्राम मेडकी डबरी के रहने वाले शैलेंद्र प्रोजेरिया बीमारी से ग्रसित थे। हमने उसकी एक दिन का कलेक्टर बनने की इच्छा तो पूरी कर दी थी लेकिन ईश्वर की कुछ और इच्छा थी। भगवान उसका ख्याल रखें। घर वालों को हिम्मत मिले. ओम् शांति:”
अक्टूबर 2021 में प्रोजेरिया से पीड़ित शैलेंद्र ध्रुव को एक दिन के लिए कलेक्टर बनाया गया था। डिप्टी कलेक्टर रुचि शर्मा शैलेंद्र को उनके घर लेने पहुंची थीं। वहीं कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने सारे प्रोटोकॉल का पालन किया था। खास बात ये है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एसपी कॉन्फ्रेंस में शैलेंद्र ध्रुव को अपनी बगल में बैठाया था और सारे उच्च अधिकारियों से उसकी मुलाकात भी कराई थी।
शैलेंद्र बचपन से कलेक्टर बनने का सपना देखता था, इसे प्रशासन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश पर पूरा किया था। 2021 में जैसे ही शैलेंद्र कलेक्टर ऑफिस पहुंचा, तो उससे मिलने कलेक्टर निलेश क्षीरसागर खुद कार तक आए और उसे शैडो कलेक्टर की जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद वो मुख्यमंत्री से मिलने रायपुर पहुंचा था।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में आईजी-एसपी कॉन्फ्रेंस के दौरान ही शैलेंद्र से मुलाकात की थी। उन्होंने शैलेंद्र को अपने पास की कुर्सी पर बिठाया था। एसपी कॉन्फ्रेंस के बाद पुलिस बल द्वारा मुख्यमंत्री को दिए जाने वाले ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ में भी शैलेन्द्र को भी स्थान दिया गया था। मुख्यमंत्री ने शैलेंद्र का परिचय मंत्रियों और अधिकारियों से भी कराया और गरियाबंद एसपी से कहा था कि वे शैलेंद्र को अपने दफ्तर में भी बुलाएं।