नई दिल्ली. अगर आपकी यह सोच है कि, ट्रेन (Train) में यात्रा के दौरान आपका सामान चोरी होने पर रेलवे (Indian Railway) आपको इसके एवज में कोई मुआवजा देगा, तो जनाब पहले यह खबर पढ़ लें। जी हां, एक बड़ी खबर के अनुसार देश के सर्वोच्च न्यायलय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने एक बड़े और महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि, ट्रेन में सामान चोरी होने पर उसका मुआवजा नहीं मिलेगा। अपने इस फैसले बाबत कोर्ट ने कहा कि, लगेज की सुरक्षा रेलवे सर्विस का हिस्सा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया, ट्रेन में चोरी को रेलवे की सेवा में किसी प्रकार की कमी नहीं कहा जा सकता।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा कि, ट्रेन यात्रा के दौरान किसी यात्री से चुराए गए पैसे को रेलवे की ओर से सेवा की कमी नहीं कहा जा सकता है। अदालत के फैसले के बाद जिला, राज्य और राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम का इस बाबत एक आदेश भी निरस्त हो गया है।
जानकारी दें कि, यह फैसला सुरेंदर भोला नामक व्यक्ति द्वारा लगाई गई याचिका के बाद इसपर रेलवे की अपील के मामले में आया है।इस बाबत यात्री का कहना था कि ट्रेन में सफर के दौरान उनकी एक लाख रुपये की रकम चोरी हो गई थी। पेश मामले में उसने उपभोक्ता अदालत का रुख किया जिसके बाद भारतीय रेलवे को यह आदेश पारित किया गया कि, यात्री को एक लाख रुपये की रकम बतौर मुआवजा दिया जाए। रेलवे इस फैसले से खुश नहीं था।
वहीं राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग से भी फैसला नहीं होता देख रेलवे ने पेश मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। वहीं कोर्ट ने यात्री के पक्ष में दिए गए राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग और राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेश को पलट दिया है। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने दलील दी कि,अदालत को यह समझने में मुश्किल हैं कि चोरी को रेलवे की तरफ से सेवा में कमी कैसे माना जा सकता है। खास तौर पर जब खुद यात्री ही अपने सामान को सुरक्षित रखने में सक्षम नहीं है।