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व्हाइट हाउस में शानदार डिनर, PM मोदी ने लगाई गिफ्ट्स की झड़ी, जिल को 7.5 कैरेट का हीरा तो बाइडेन को दिया चांदी का सिक्का

नई दिल्ली/वाशिंगटन. जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा के दूसरे चरण में बीते बुधवार को वाशिंगटन पहुंच चुके हैं। वहीं इस ख़ास दौरे के दूसरे दिन व्हाइट हाउस में उनकी मेजबानी हुई है। यहां राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन ने स्टेट डिनर की मेजबानी की है। इसके साथ ही आज PM नरेंद्र मोदी और बाइडेन दंपति आपस में आज ख़ास तौर से लाए गए शानदार गिफ्ट्स एक दुसरे को भेंट किए।

जी हां, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन, DC में व्हाइट हाउस में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन के साथ विशेष उपहारों का आदान-प्रदान किया। वहीं वाइट हाउस ने बताया कि, आधिकारिक उपहार के रूप में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बिडेन PM मोदी को 20वीं सदी की शुरुआत की एक हस्तनिर्मित, प्राचीन अमेरिकी पुस्तक गैली भेंट की।

इसके साथ ही राष्ट्रपति बाइडेन, PM मोदी को एक विंटेज अमेरिकी कैमरा भी उपहार में देंगे, जिसके साथ जॉर्ज ईस्टमैन के पहले कोडक कैमरे के पेटेंट का एक अभिलेखीय प्रतिकृति प्रिंट और अमेरिकी वन्यजीव फोटोग्राफी की एक हार्डकवर पुस्तक भी होगी। जिल बाइडेन, PM मोदी को ‘कलेक्टेड पोयम्स ऑफ रॉबर्ट फ्रॉस्ट’ की हस्ताक्षरित, प्रथम संस्करण प्रति उपहार में देने जा रहीं हैं।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी डॉ. जिल बाइडेन को प्रयोगशाला में विकसित 7।5 कैरेट का ग्रीन डायमंड उपहार में दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक विशेष चंदन का डिब्बा भेंट किया, जिसे जयपुर के एक मास्टर शिल्पकार द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है। इसपर मैसूर से प्राप्त चंदन में जटिल रूप से नक्काशीदार वनस्पतियों और जीवों के पैटर्न हैं। इसके साथ ही अन्य उपहारों में बॉक्स में भगवान गणेश की मूर्ति है। मूर्ति को कोलकाता के पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के एक परिवार द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है।बॉक्स में एक दीया (तेल का दीपक) भी है। इस चांदी के दीये को भी कोलकाता में पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के परिवार के कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो बाइडेन को पंजाब का घी, राजस्थान का हाथ से बनाया हुआ सोने का सिक्का, चांदी का सिक्का, महाराष्ट्र का गुड़, उत्तराखंड का चावल, तमिलनाडु का तिल, कर्नाटक के मैसूर का चंदन का टुकड़ा, पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित चांदी का नारियल, गुजरात का नमक और भगवान गणेश की मूर्ति के साथ दीपक उपहार में दिए।

PM मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को उपहार में दिए गए बॉक्स में दस दान राशि हैं- गौदान (गाय का दान) के लिए गाय के स्थान पर पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा एक नाजुक हस्तनिर्मित चांदी का नारियल दिया गया है।भूदान (भूमि का दान) के लिए भूमि के स्थान पर मैसूर, कर्नाटक से प्राप्त चंदन का एक सुगंधित टुकड़ा दिया गया है।तिलदान (तिल के बीज का दान) के लिए तमिलनाडु से लाए गए तिल या सफेद तिल के बीज चढ़ाए गए हैं।राजस्थान में हस्तनिर्मित, यह 24K शुद्ध और हॉलमार्क वाला सोने का सिक्का हिरण्यदान (सोने का दान) के रूप में पेश किया है।

इसके साथ ही PM मोदी ने, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को उपहार में दिए गए बॉक्स में 99.5% शुद्ध और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का भी गिफ्ट में दिया है जिसे राजस्थान के कारीगरों द्वारा सौंदर्यपूर्ण ढंग से तैयार किया गया है और इसे रौप्यदान (चांदी का दान) के रूप में पेश किया गया है। लवंदन (नमक का दान) के लिए गुजरात का लवन या नमक अर्पित किया गया है।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन के फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित पुस्तक ‘द टेन प्रिंसिपल उपनिषद’ के पहले संस्करण की एक प्रति राष्ट्रपति जो बाइडेन को उपहार में दी। जानकारी दें कि साल 1937 में, WB येट्स ने श्री पुरोहित स्वामी के साथ सह-लेखक, भारतीय उपनिषदों का एक अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया। दोनों लेखकों के बीच अनुवाद और सहयोग पूरे 1930 के दशक में हुआ और यह येट्स के अंतिम कार्यों में से एक था। लंदन के मेसर्स फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित इस पुस्तक के पहले संस्करण की एक प्रति, ‘द टेन प्रिंसिपल उपनिषद’, पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रपति बाइडेन को उपहार में दी गई है।

इस तरह से देखा जाए तो प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडेन दंपति को ढेर सारे और अतिमहत्वपूर्ण गिफ्ट्स दिए हैं। गौर करें तो पाएंगे की प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए इन ख़ास उपहारों में भारत के गौरवशाली इतिहास का ख़ास छाप दिखती है जो अमेरिका में हमेशा के लिए दीप्तमान हो गया है।

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