शिमला : हिमाचल प्रदेश के सोलन और हमीरपुर जिलों में रविवार को बादल फटने की घटनाएं हुईं। इससे अचानक बाढ़ आ गई जिसकी वजह से भारी नुकसान हुआ। वहीं शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में भारी बारिश के कारण हुईं घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई। बाढ़ और भारी बारिश के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा है। बाढ़ के पानी में वाहन और कई मवेशी भी बह गए हैं। मकान को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, रविवार को हमीरपुर और शिमला जिले में एक-एक व्यक्ति डूब गया। बारिश ने 11 मकानों और वाहनों के साथ-साथ चार गौशालाओं को भी नुकसान पहुंचाया। बीते 24 घंटों के दौरान राज्य को अनुमानित 78 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। वर्षाजनित हादसों में लाहौल और स्पीति में तीन, हमीरपुर में पांच, सोलन में दो और मंडी में एक घर क्षतिग्रस्त हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के बाद मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है। मंडी जिला पुलिस ने रविवार को एक सार्वजनिक नोटिस में बताया कि राजमार्ग के वैकल्पिक मार्ग भी अवरुद्ध हैं। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मंडी-जोगिंदर नगर राजमार्ग भी बंद है। इन राजमार्गों पर चलने वाले आम जनता/पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे पहाड़ों से सटे सड़कों पर न रहें क्योंकि सूबे में भूस्खलन का खतरा अधिक है। दोनों तरफ फंसे लोगों को सलाह दी जाती है कि वे वापस लौट जाएं और पास के शहरों में रात रुकने के लिए जरूरी इंतजाम कर लें।
कुल्लू में आठ, लाहौल और स्पीति में दो और सिरमौर में एक वाहन क्षतिग्रस्त हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि पिछले 24 घंटों में राज्य में बारिश के कारण कई पेड़ सड़क पर गिर गए, जिससे दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित राज्य में 126 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध हो गई। आपातकालीन केंद्र ने कहा कि राज्य भर में 141 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने से कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
बादल फटने के बाद हमीरपुर जिले के सुजानपुर उपमंडल के खीरी क्षेत्र में चार मकानों में पानी घुस गया और पंचायत भवन को भी नुकसान पहुंचा। ताजा जानकारी के मुताबिक, खनुअली गांव के पास ब्यास नदी के पानी में छह लोग फंस गए हैं। नदी में पानी के तेज बहाव के कारण धौलासिद्ध ऊर्जा परियोजना की लाखों रुपये की मशीनरी बह गई है। यह क्षेत्र नदी के किनारे पर स्थित है।
एक प्रवक्ता ने कहा कि फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए होम गार्ड, पुलिस और भारतीय रिजर्व बटालियन की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। आपातकालीन केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि सोलन जिले के अर्की उपखंड में महल मंगल कठपोल में बादल फटने से लगभग 35 बकरियां बह गईं। भूस्खलन के कारण जोत रोड अवरुद्ध होने से 40 वाहनों में सवार करीब 100 लोग चंबा जिले के चौरी के पास फंस गए।
अधिकारियों ने कहा कि सड़क पर यातायात फिर से शुरू करने का काम शुरू कर दिया गया है और मलबा हटवाने के लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है। मंडी जिले के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई, जबकि शिमला और सिरमौर जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई। पिछले 24 घंटों में राज्य के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई। कुल्लू में मोहाल खड्ड क्षेत्र में खड़ी पांच कारें और तीन ट्रैक्टर क्षतिग्रस्त हो गए।
मंडी जिले में हुई बारिश में दो लोग घायल हो गए, जबकि एक मकान ढह गया तथा दो मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। भारी बारिश के दौरान दो कारें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के सरपारा क्षेत्र में शनिवार रात बारिश के चलते 14 मेगावाट की ग्रीनको परियोजना की जलापूर्ति लाइन, एक गौशाला और कई खेतों को नुकसान पहुंचा।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मंडी जिले का सरकाघाट 130 मिलीमीटर (मिमी) बारिश के साथ सबसे अधिक बारिश वाला स्थान रहा, इसके बाद धौलाकुआं में 103 मिमी, सुंदरनगर और बलद्वाड़ा में 92 मिमी जबकि नाहन में 80 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने कांगड़ा, मंडी, शिमला, सिरमौर, चंबा और कुल्लू जिलों में अचानक बाढ़ आने की संभावना के कारण फसलों, फलों के पेड़ों और अन्य पौधों को नुकसान पहुंचने की चेतावनी दी है।
मौसम विभाग ने 26 जून को अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने जबकि 27-29 जून तक गरज के साथ बौछारें पड़ने के साथ आंधी चलने संबंधी येलो अलर्ट जारी किया है। नाथपा बांध से 150 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से शिमला में चब्बा जलापूर्ति योजना प्रभावित हुई है, जिससे सबमर्सिबल पंप और इनलेट पाइप क्षतिग्रस्त हो गए हैं। शिमला जल प्रबंधन निगम के अधिकारियों ने कहा कि चब्बा पंप हाउस भी पानी में डूब गया है।