प्रधानमंत्री ने देश को सौंपी पहली हाई स्पीड रैपिड ट्रेन ‘नमो भारत’, दिखाई हरी झंडी
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश की हाई स्पीड ट्रेन ‘नमो भारत’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पहले इस ट्रेन का नाम रैपिड एक्स दिया गया था लेकिन अब इसे ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा। दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर के रूट पर चलने वाली इस हाईस्पीड ट्रेन के पहले फेज का आज उद्घाटन हुआ है। पहले फेज़ में साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक लोग सफर कर सकेंगे।
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से दिल्ली -एनसीआर के करोड़ों लोगों को सीधा फायदा मिलेगा। नमो भारत ट्रेन से रोजाना करीब 8 लाख यात्री सफर कर सकेंगे। यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दोड़ेगी। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर के पहले फेज में सहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर का खंड उद्घाटन के एक दिन बाद 21 अक्टूबर को यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए यह ऐलान किया कि आरआरटीएस ट्रेन को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा, ‘करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं से जुड़ी आरआरटीएस परियोजना का प्राथमिकता खंड रफ्तार भरने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 अक्टूबर को इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे। देश के रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा।’
आठ मार्च 2019 को पीएम मोदी ने रखी थी नींव
साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर का यह खंड गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई स्टेशनों के जरिए साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ेगा। प्रधानमंत्री ने आठ मार्च 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की नींव रखी थी। आरआरटीएस 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक नयी रेल आधारित, उच्च गति, उच्च आवृत्ति के साथ क्षेत्रीय यात्रा की सुविधा प्रदान करने वाली प्रणाली है। इस रूट पर हर 15 मिनट में हाई स्पीड ट्रेन उपलब्ध होगी और जरूरत के मुताबिक यह हर पांच मिनट में भी उपलब्ध हो सकती है।
एनसीआर रीजन में कुल 8 आरआरटीएस कॉरिडोर
दिल्ली-एनसीआर रीजन में कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर की पहचान की गयी है जिसमें पहले फेज में तीन कॉरिडोर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर और दिल्ली-पानीपत को पूरा करने की प्राथमिकता दी गयी है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जा रहा है और यह गाजियाबाद, मुरादनगर तथा मोदीनगर शहरों के जरिए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा।