देहरादून। आज 2023 विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। चार राज्यों में तीन राज्यों में भाजपा ने जीत दर्ज की है, जिनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ हैं। वहीं, चारों राज्यों में जीत को लेकर आश्वस्त दिखने वाली कांग्रेस को महज तेलंगाना के रूप में सिर्फ एक राज्य में जीत से संतोष करना पड़ रहा है।
इन राज्यों के चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मैजिक खूब चला है। पीएम मोदी की गारंटी पर लोगों ने खासा भरोसा जताया है, तभी तो भाजपा को बड़ी जीत मिल सकी है। इन राज्यों की जीत से भाजपा बेहद उत्साहित है। इन चुनाव नतीजों के बाद प्रधानमंत्री मोदी के लिए 2024 लोकसभा चुनाव की राह कुछ आसान जरूर होगी। पीएम मोदी के पास लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने का मौका होगा।
वहीं, कांग्रेस व इंडिया गठबंधन के लिए यह चुनावी नतीजे किसी सदमें से कम नहीं रहने वाले हैं। भाजपा के हाथों 3 राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन में आने वाले दिनों में घमासान देखने को मिलने की उम्मीद है।
दरअसल, कांग्रेस शुरू से ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व तेलंगाना में अपनी जीत को लेकर खासी आश्वस्त नजर आती रही। जबकि, चुनावी प्रचार के अंतिम दौर में कांग्रेस राजस्थान में भी जीत के दावे करते दिखाई देती रही थी, लेकिन ये चुनावी नतीजें कांग्रेस के आंकलन के बिल्कुल विपरीत आये हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ पूरी जान झोंकने के बावजूद कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी है।
इन चुनावी नतीजों से इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों की चिंता बढ़ेंगी। कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद अब गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर भी घमासान देखने को मिल सकता है। अभी तक कांग्रेस की यह रणनीति थी कि इन राज्यों में चुनाव जीतने के बाद वह सीट शेयरिंग में अधिक सीट लेने का दबाव बनाएगी, लेकिन यहां हार मिलने के बाद कांग्रेस के मंसूबों पर पानी फिर गया है। ऐसे में अन्य पार्टियां कांग्रेस के दबाव में न आकर अपने लिए ज्यादा सीटें लेने की कोशिश करेंगी । दिल्ली, पंजाब व हरियाणा में कांग्रेस व आप के बीच सीट शेयरिंग को लेकर राजनीतिक खींचतान देखने को मिलने की संभावना है।
पीएम मोदी की ‘सांसद रणनीति’ रही सफल,
पीएम नरेंद्र मोदी चुनावी रणनीति के भी माहिर हैं। तभी तो पीएम मोदी ने विधानसभा चुनाव में सांसदों को उतारने की रणनीति बनाई थी, वो पूरी तरह सफल रही है। इसका फायदा यह हुआ कि भाजपा एक-एक सीट को बढ़ाने में सफल रही और उसे पूर्ण बहुमत मिला। खास बात यह कि इसके जरिये पीएम मोदी ने सासंदों की जनता में स्वीकार्यता को भी पऱख लिया। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश व राजस्थान में 7-7 व छत्तीसगढ़ में 4 सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा था। इनमें 14 सासंदों ने जीत दर्ज की है। जबकि, चार सांसदों को हार का सामना करना पड़ा।
हारे राज्यों में सपा, आप मांगेंगे सीटें, कांग्रेस की बढ़ेगी टेंशन
कांग्रेस को इन राज्यों में हार का खामियाजा सियासी नुकसान के रूप में भुगतना पड़ सकता है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में अब लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी सीटों की मांग कर सकती है। कांग्रेस के सामने दुविधा यह होगी कि अगर वो इन राज्यों में दूसरी पार्टियों की सियासी जमीन न होने का हवाला देकर सीट शेयर करने से मना करती है तो ये पार्टियां विधानसभा चुनाव की हार का हवाला देकर कांग्रेस को घेरते दिख सकते हैं।
यदि कांग्रेस एमपी, राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में दो-तीन लोकसभा सीटें सपा व आप के लिए छोड़ भी देती है तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा सियासी नुकसान होगा। दरअसल, यदि यहां सपा व आप उन सीटों को जीतने में सफल होती है तो इन राज्यों में पार्टी की सियासी जमीन तैयार हो जाएगी, जो आने वाले दिनों में कांग्रेस के लिए ही मुसीबत पैदा करेंगे। बता दें कि एमपी चुनाव में सपा अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कांग्रेस से 2-3 सीटों की मांग की थी। उनके व कांग्रेस के बीच जुबानी जंग भी देखने को मिली थी। वहीं, आप के अरविंद केजरीवाल तो पहले से ही राजस्थान, एमपी व छत्तीसगढ़ में सियासी जमीन तलाशने में लगे हुए हैं।
‘इंडिया’ में पीएम उम्मीदवारी को लेकर शुरू होगी खींचतान
इंडिया गठबंधन की मुख्य पार्टी कांग्रेस चाहती है कि अगर गठबंधन चुनाव जीतता है तो प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार उनकी पार्टी से ही हो। लेकिन इस हार के बाद अब गठबंधन की सहयोगी पार्टी के बड़े नेता भी पीएम पद का उम्मीदवार पेश करने की कोशिश करते दिख सकते हैं। बता दें कि कई बड़े नेता पूर्व में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की स्वीकार्यता को लेकर सवाल खड़े करते दिखाई दिये हैं।