मुंबई : शरद पवार आज महाराष्ट्र के बारामती पहुंचे। बारामती में मीडिया से बात करते हुए शरद पवार का पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न खोने का दर्द छलका। उन्होंने कहा कि जिसने पार्टी बनाई, उसे ही पार्टी से निकाल दिया गया। शरद पवार ने कहा कि यह फैसला कानून के अनुसार सही नहीं है और हम इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
शरद पवार ने कहा कि ‘ऐसा कभी नहीं हुआ कि जिसने राजनीतिक पार्टी बनाई, उसे ही पार्टी से बाहर कर दिया गया। ना सिर्फ ये ही पार्टी का चुनाव चिह्न भी छीन लिया गया। यह फैसला कानून के अनुसार सही नहीं है। हम इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमें जनता की बीच अपनी पहुंच बढ़ाने की जरूरत है।’ बीते दिनों चुनाव आयोग ने अजित पवार के गुट वाली एनसीपी को असली एनसीपी माना है। चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिन्ह भी अजित पवार गुट को देने का आदेश दिया। चुनाव आयोग ने पार्टी के संविधान, बहुमत के आधार पर अपना फैसला सुनाया। हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने भी अजित पवार गुट के पक्ष में ही फैसला सुनाया था। शरद पवार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
बीते साल 2 जुलाई को अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी के कई विधायक भाजपा और शिवसेना (शिंदे) के गठबंधन वाली सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार गुट के पास फिलहाल 41 विधायकों का समर्थन है, वहीं शरद पवार गुट के पास सिर्फ 12 विधायकों का समर्थन ही बचा हुआ है। शरद पवार गुट के पास चार लोकसभा सांसदों और अजित पवार गुट के पास एक सांसद का भी समर्थन है।
शरद पवार का बारामती का दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब ऐसी चर्चाएं हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में बारामती सीट पर सुप्रिया सुले के खिलाफ अजित पवार भी अपना उम्मीदवार उतार सकते हैं। बारामती सीट परंपरागत रूप से शरद पवार की राजनीति का गढ़ रही है और पहले शरद पवार और फिर उनकी बेटी सुप्रिया सुले बारामती से सांसद हैं। ऐसी भी चर्चाएं हैं कि अजित पवार, बारामती सीट से अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनावी मैदान में उतार सकते हैं।