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Budget 2024: आज बजट में आज इन इन प्रमुख आंकड़ों पर रह सकता है फोकस, हो सकते हैं खास ऐलान

Budget 2024: आज जहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार अपना सातवां बजट पेश करेने जा रहीं हैं, जो साल 2047 तक विकसित भारत की रूपरेखा तैयार करेगा। इस बजट में सरकार के बीते 10 साल के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई देगी।

आज इस बजट को लेकर देश में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं आम आदमी से लेकर छात्रों, किसानों, टैक्सपेयर्स और उद्योगपतियों को इस बजट से आज काफी उम्मीदें रहेंगीं। हालेंकी बजट सत्र के पहले दिन ही मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि इस बार का बजट 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में पेश करने पर ही केंद्रित होगा।

देखा जाए तो मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में इन आंकड़ों पर खासतौर से सबकी नजर रहने वाली है –

राजकोषीय घाटा:
इस साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट के मुताबिक सरकार के खर्च और आमदनी के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 5.1% रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में 5.85 था। कर संग्रह में उछाल के कारण पूर्ण बजट में पहले से बेहतर अनुमान दिए जाने की उम्मीद है। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर जोर :
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वित्त वर्ष के 9.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। सरकार बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रही है और राज्यों को पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है।

कर राजस्व पर नजर:
अंतरिम बजट में 2024-25 के लिए सकल कर राजस्व 38.31 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था, जो बीते वित्त वर्ष की तुलना में 11.46 % अधिक है। इसमें प्रत्यक्ष करों (व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर) से 21.99 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष करों (सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और जीएसटी) से 16.22 लाख करोड़ रुपये आने का अनुमान है।

जीएसटी :
वित्त वर्ष 2024-25 में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 11.6 % की वृद्धि के साथ 10.68 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष के अंतिम बजट में कर राजस्व के आंकड़ों पर नजर रखनी होगी।

कर्ज के आंकड़ें:
अंतरिम बजट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में सरकार का सकल उधार बजट 14.13 लाख करोड़ रुपये था। सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज लेती है। आज बाजार की नजर इन उधारी के आंकड़ों पर रहेगी।

वर्तमान कीमतों पर जीडीपी:
अंतरिम बजट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में भारत की वर्तमान कीमतों पर जीडीपी (वास्तविक जीडीपी और मुद्रास्फीति का जोड़) 10.5 प्रतिशत बढ़कर 3,27,700 अरब रुपये होने का अनुमान है।

लाभांश बढ़ने की उम्मीद:
अंतरिम बजट में आरबीआई और वित्तीय संस्थानों से 1.02 लाख करोड़ रुपये का लाभांश मिलने का अनुमान है। इसे बढ़ाया जाएगा, क्योंकि आरबीआई ने मई में पहले ही 2.11 लाख करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित कर दिया है। साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से 43,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।

इसके साथ ही आज बजट में रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि और मिडिल क्लास पर भी फोकस रह सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार के बजट में मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में भी कुछ राहत जरुर दे सकती हैं। अबकी बार न्यू टैक्स रेजिम में इनकम टैक्स स्लैब 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जा सकता है।

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