लोक अदालत में बिजली संबंधी 26 हज़ार से अधिक प्रकरणों में दी गई 8 करोड़ 89 लाख की छूट
भोपाल : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि गत दिनों आयोजित नेशनल लोक अदालत में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के 26 हजार 445 प्रकरणों का निराकरण आपसी समझौते से हुआ। इन प्रकरणों में बिजली उपभोक्ताओं को 8 करोड़ 89 लाख रूपये की छूट दी गई। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र में विद्युत संबंधी 12 हजार 358 प्रकरणों का निराकरण करते हुए विद्युत उपभोक्ताओं को 4 करोड़ 45 लाख 46 हजार रूपए की छूट दी गई है। लोक अदालत में नियमानुसार भोपाल रीजन में लिटिगेशन एवं प्रि-लिटिगेशन के कुल 7 हजार 885 मामलों में 2 करोड़ 78 लाख 83 हजार की छूट प्रदान करते हुए 6 करोड़ 10 लाख 60 हजार की राशि जमा कराई गई है। इसी प्रकार ग्वालियर रीजन अंतर्गत लिटिगेशन एवं प्रिलिटिगेशन के कुल 4 हजार 473 मामलों में 1 करोड़ 66 लाख 82 हजार की छूट प्रदान करते हुए 3 करोड़ 93 लाख 39 हजार की राशि जमा कराई गई है। पूरे कंपनी कार्यक्षेत्र में लोक अदालत के दौरान बिजली कंपनी के 20 करोड़ 22 लाख रूपए से ज्यादा के प्रकरणों का समाधान हुआ है।
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को उम्मीद के अनुसार सफलता मिली है। कंपनी के अधीन 5810 प्रकरण निराकृत हुए हैं। पात्रतानुसार 50 हजार तक के 4509 प्रकरणों पर 15 जिले में करीब 2 करोड़ 30 लाख रुपए की छूट उपभोक्ताओं को दी गई है। लोक अदालत के दौरान बिजली कंपनी के 10 करोड़ रूपए से ज्यादा के प्रकरणों का समाधान हुआ है।
कंपनी क्षेत्र का सबसे बड़ा प्रकरण पश्चिम क्षेत्र विद्युत कंपनी के इंदौर रीजन के बड़वाह संभाग के अंतर्गत टॉवर विजन कंपनी का विद्युत चोरी का प्रकरण वर्ष 2013 में बनाया गया था। इसका 8.39 लाख रुपए का निर्धारण किया गया। यह राशि नहीं जमा करने के फलस्वरूप ब्याज भी लाखों रूपए हो गया। न्यायाधीश के निर्देश पर निर्धारण एवं ब्याज कुल राशि 30.22 लाख एवं कंपाउंडिंग राशि 0.85 लाख कुल 31.05 लाख का अंतिम निर्धारण आदेश बनाया गया। टॉवर कंपनी प्रबंधन को इस राशि को लोक अदालत में भुगतान कर प्रकरण समाधान के लिए प्रेरित किया गया। लोक अदालत में 2013 से प्रचलित टावर विजन कंपनी ने पूर्ण राशि जमा की ।
नेशनल लोक अदालत में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र के 24 जिलों में विद्युत संबंधी 8 हजार 270 प्रकरणों का निराकरण करते हुए विद्युत उपभोक्ताओं को 2 करोड़ 34 लाख रूपए की छूट दी गई है। लोक अदालत में नियमानुसार जबलपुर रीजन में लिटिगेशन एवं प्रिलिटिगेशन के कुल 2915 मामलों में 74 हजार की छूट प्रदान करते हुए 2 करोड़ 80 लाख राशि जमा कराई गई है। सागर रीजन अंतर्गत लिटिगेशन एवं प्रिलिटिगेशन के कुल 2221 मामलों में 70 हजार की छूट प्रदान करते हुए 2 करोड़ 48 लाख राशि जमा कराई गई है। रीवा रीजन में लिटिगेशन एवं प्रिलिटिगेशन के कुल 2639 मामलों में 71 हजार की छूट प्रदान करते हुए 3 करोड़ 51 लाख राशि जमा कराई गई है। शहडोल रीजन में लिटिगेशन एवं प्रिलिटिगेशन के कुल 502 मामलों में 11 हजार की छूट प्रदान करते हुए 52 लाख 60 हजार राशि जमा कराई गई है।
कंपनियों द्वारा वितरण केन्द्र स्तर तक लोक अदालत के लिए प्रभावी तैयारी की गई थी। लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में समझौता किया गया। प्री-लिटिगेशन के माध्यम से निराकरण के लिए निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट प्रदान की गई। प्री-लिटिगेशन स्तर सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट मिली, जबकि लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट की तैयारी की गई थी।