CM योगी का अधिकारियों को निर्देश, ‘बख्शे न जाएं जबरन जमीन कब्जाने वाले’
गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर प्रवास के दौरान शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर में करीब 300 लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि लोगों की समस्याओं का निस्तारण उनकी सरकार की विशेष प्राथमिकता है, इसलिए पीड़ितों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उनका समाधान त्वरित और संतुष्टिपरक तरीके से कराना सुनिश्चित कराएं। उन्होंने अधिकारियों को दो टूक में यह भी हिदायत दी कि किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले भू-माफिया और कमजोरों को उजाड़ने वाले दबंग किसी भी दशा में बख्शे न जाएं। उनके खिलाफ कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। सरकार का संकल्प है कि किसी के भी साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
जनता दर्शन के दौरान शुक्रवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर में महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार के बाहर कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद गए और एक-एक कर उनकी समस्याओं को सुना। सबको आश्वस्त किया कि किसी को भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, सबकी समस्याओं का समाधान हर हाल में किया जाएगा। जनता दर्शन में कुछ महिलाएं जमीन से जुड़े विवादों में प्रार्थना पत्र लेकर पहुंची थीं। कुछ की शिकायत थी कि दबंग उनकी जमीनों पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। इन शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि जमीन कब्जाने में पेशेवर प्रवृत्ति वालों को भू-माफिया के रूप में चिन्हित कर सख्ती की जाए। किसी भी गरीब की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करें जो नजीर बने। जमीनी विवादों का समाधान तत्परतापूर्वक इस तरह होना चाहिए जिससे पीड़ित व्यक्ति संतुष्ट दिखे। प्रार्थना पत्रों को उन्होंने अधिकारियों को हस्तगत करते हुए निर्देश दिया कि हर समस्या का निस्तारण त्वरित, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिप्रद होना चाहिए।
पारिवारिक रिश्तों को लेकर विवाद संबंधी शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि सबसे पहले इसमें सभी पक्षों को एक साथ बैठाकर संवाद करने की जरूरत है। जनता दर्शन में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर पहुंचे लोगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वस्त किया कि पैसे की तंगी से किसी का भी इलाज नहीं रुकने दिया जाएगा। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि संबंधित मरीज के इलाज संबंधी इस्टीमेट की प्रक्रिया को पूर्ण कर इसे जल्द से जल्द शासन को उपलब्ध कराया जाए। इस्टीमेट मिलते ही इलाज के लिए धन अवमुक्त हो जाएगा।