आतंकी डेविड हेडली ने कोर्ट को बताया, लश्कर ने बाल ठाकरे को मारने की कोशिश की थी
मुंबई: मुंबई की विशेष अदालत में 26/11 हमलों का वादामाफ गवाह डेविड हेडली की इन दिनों दी गई गवाई का क्रॉस इक्जामिनेशन जारी है। यह कार्यवाही बुधवार से शुरू हुई है। गुरुवार को भी यह कार्यवाही जारी है। आज बचाव पक्ष के एक सवाल के जवाब ने हेडली ने बताया कि शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को मारने की एक बार कोशिश हुई थी। हालांकि उसने ये भी कहा कि उसे ज्यादा पता नहीं है।
हेडली ने भी ये बताया कि उसे पता चला था कि वो शख्स पकड़ा भी गया था, लेकिन बाद में वो पुलिस हिरासत से भाग भी गया था। हेडली ने ये भी बताया कि LET के साजिद मीर ने उसे शिवसेना भवन में जाकर दोस्ती बनाने को कहा था। LET शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को मारना चाहता था। बता दें कि बुधवार को हेडली ने आतंकी संगठन लस्कर-ए-तयबा को रुपए देने का दावा कर सबकों चौंका दिया था।
मौका था 26/11 के ही आरोपी अबू जुंदाल के खिलाफ चल रहे मुकदमे में गवाही का। अदालत में जब जुंदाल के वकील ने जब बार-बार ये सवाल किया कि आतंकी संगठन लस्कर-ए-तयबा से कितने रुपये मिले थे। तो विफरते हुए हेडली ने कहा कि उसे रुपये मिले नहीं है बल्कि उसने खुद लश्कर को 60 से 70 लाख रुपये दान दिए थे।
जुंदाल के वक़ील ने हेडली की पहले की गिरफ्तारियां, उसकी सरकारी गवाह बनने की नीति और बाद में नियमों को तोड़ने की बात कोर्ट के सामने पेश की। कुल मिलाकर बचाव पक्ष ने अपने सवालों के ज़रिये हेडली के आपराधिक इतिहास और उसके दोहरे चरित्र को सामने लाने को कोशिश की, ताकि यह साबित हो सके कि हेडली के खुलासों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता।
विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम इस पर सफ़ाई देते हुए नज़र आये। निकम के मुताबिक हेडली अपराधी था तभी तो 26/11 के आतंकी हमले में मदद की। अदालत में अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष में खासी नोंक झोंक भी हुई। यह मामला तब और गर्म हो गया जब हेडली ने अपनी पत्नी से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब देने से साफ़ इंकार कर दिया था। यूं तो हेडली माफ़ी का गवाह है लेकिन उसका तल्ख़ रवैया कुछ और ही कह रहा है। अदालत ने भी इस बात को नोटिस किया और हेडली को टोका भी।