
रांची: खूंटी जिले के प्रसिद्ध पंचघाघ जलप्रपात को दिसंबर 2026 तक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए करीब 7.32 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इससे यहां आने वाले पर्यटकों को कई तरह की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। खूंटी में ही स्थित भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू का सौंदर्यीकरण कराने सहित ग्रामीण-सांस्कृतिक परिवेश अनुरूप परिवर्तन कराया जाएगा। दोनों ही योजनाओं का कार्यान्वयन सरकारी भूमि पर कराया जाएगा। इसके लिए वन विभाग व अन्य सरकारी एजेंसी से पहले भूमि उपयोग के लिए एनओसी लिया जाएगा। योजना कार्य पूरा होने के बाद इसके प्रबंधन, रखरखाव व संचालन की जिम्मेदारी जिला पर्यटन संवर्धन परिषद के पास होगा। पर्यटन विभाग ने खूंटी सहित रांची, सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम व लातेहार जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रस्ताव तैयार किया है। विभागीय सचिव मनोज कुमार ने सभी कार्यों के लिए 22.26 करोड़ रुपए से अधिक की राशि की प्रशासनिक स्वीकृत दी है। खरसावां जिले में स्थित शहीद स्मारक का कायाकल्प करना है। यह शहीद स्मारक आदिवासी समुदाय के संघर्ष और शहादत का प्रतीक माना जाता है।
7.32 करोड़ (7,32,01,400) की लागत से पंचघाघ जलप्रपात में कैफेटेरिया, पाथ-वे, मेन गेट, पुल, शौचालयों सहित कई नयी संरचनाओं का निर्माण कराया जाएगा। इस राशि की विभाग द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इससे यहां आने वाले पर्यटकों को काफी राहत मिलेगी। साथ ही यहां कैंटीन बिल्डिंग, शौचालय ब्लॉक आदि का भी पुननिर्माण कराने का प्रस्ताव है। योजना का काम झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा कराया जाएगा।
खरसावां जिले के शहीद स्मारक के सौंदर्यीकरण के साथ हर साल एक जनवरी को यहां लगने वाले मेले को राजकीय मेला का दर्जा देने की तैयारी है। सौंदर्यीकरण कार्य के लिए 2 करोड़ का आवंटन कर दिया गया है। इस राशि से शहीद स्मारक पर फव्वारा एवं चहारदीवारी सहित मुख्य चबूतरा का निर्माण कराया जाएगा। बता दें कि प्रत्येक साल के पहले दिन राज्य के मुख्यमंत्री खरसावां गोलीकांड के अमर वीर शहीदों के सम्मान में इसी शहीद स्मारक में माल्यार्पण कर अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
रांची स्थित गेतलसूद डैम को ईको पर्यटन के हिसाब से विकसित करने का प्रस्ताव है। विभाग द्वारा कुल 7.05 करोड़ (7,05,24,000) की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। यहां कम्यूनिटी सेंटर सहित कई नए विकास कार्य किए जाएंगे। योजना का मुख्य उद्देश्य ईको पर्यटन आधारित आर्थिक विकास तथा स्थानीय समुदाय को रोजगार प्रदान करना है, ताकि उनके रहन-सहन का विकास हो सके। योजना कार्य के दौरान ही पर्यटन निदेशालय द्वारा स्थानीय लोगों को ईको टूरिज्म आधारित आर्थिक विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। निर्मित होने वाली संरचनाओं का समुचित प्रबंधन, रखरखाव, संचालन आदि पर्यटन विकास निगम लिमिटेड, स्थानीय ग्राम और संयुक्त वन प्रबंधन समिति मिलकर करेंगे।
पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसी कड़ी में उपरोक्त योजनाओं की स्वीकृति दी गई है। डोंबारी बुरू को अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने का भी मास्टर प्लान तैयार हो रहा है।