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मुंबईः पुल पर फंसी मोनोरेल ट्रेन से 500 से अधिक यात्रियों को किया गया रेस्क्यू, क्रेन से बचाव-कार्य

मुंबईः मुंबई में भारी बारिश के बीच मंगलवार शाम एलिवेटेड ट्रैक पर दो मोनोरेल ट्रेन फंस गईं, जिसके 500 से अधिक यात्रियों को बचा लिया गया। इन सभी यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। जानकारी के मुताबिक ट्रेन में कुल 553 यात्री सवार थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ट्रेन में फंसे कई यात्रियों ने दम घुटने की शिकायत की। अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान लगभग चार घंटे बाद समाप्त हो गया।

उन्होंने बताया कि बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण ट्रेन रूक गई और भीड़ की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण स्थानीय ट्रेन परिचालन सेवाएं स्थगित कर दिए जाने के बाद से इन दोनों मोनोरेल ट्रेन में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे।

अधिकारियों के अनुसार, मैसूर कॉलोनी और भक्ति पार्क के बीच एक मोनोरेल ट्रेन फंस गई, और उसमें सवार 400 से ज़्यादा यात्रियों को बचाने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ी। अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य मोनोरेल ट्रेन से सौ से ज़्यादा यात्रियों को निकाला गया, जिन्हें सफलतापूर्वक पास के वडाला स्टेशन पर वापस लाया गया। शाम करीब सवा छह बजे मैसूर कॉलोनी और भक्ति पार्क स्टेशन के बीच फंसी मोनोरेल ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई। बिजली और एसी सिस्टम बंद होने से 15 यात्रियों ने दम घुटने की शिकायत की। अधिकारियों ने बताया कि 14 लोगों का मौके पर ही उपचार किया गया, जबकि एक लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत स्थिर है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि घटना की जांच की जाएगी। फडणवीस ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कुछ तकनीकी कारणों से एक मोनोरेल चेंबूर और भक्ति पार्क के बीच फंस गई है। एमएमआरडीए (मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण), अग्निशमन विभाग और नगर निकाय समेत सभी एजेंसियां मौके पर पहुंच गई हैं। सभी यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।”

यात्रियों ने बताया कि ट्रेन शाम करीब सवा छह बजे रुकी और बचाव अभियान शुरू होने में एक घंटा लग गया। मुंबई मोनोरेल ने एक शुरुआती प्रेस बयान में कहा कि ट्रेन में बिजली आपूर्ति में मामूली समस्या आ गई थी। एमएमआरडीए के संयुक्त आयुक्त आस्तिक कुमार पांडे ने कहा, ‘‘बारिश के कारण लोग विभिन्न स्टेशन पर फंस गए। ट्रेन की क्षमता से अधिक लोग मोनोरेल ट्रेन में चढ़ गए।”

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