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गुजरात में 5 सीटों पर AAP की जीत और 13% वोट बैल का दूध निकालने जैसा : अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का वर्षों से गढ़ रहे गुजरात में अपनी पार्टी के प्रदर्शन को एक अभूतपूर्व सफलता बताया और कहा कि पांच सीट पर जीत हासिल करना ‘बैल का दूध निकालने’ जितना असंभव था।

पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ को विश्वास है कि वह 2027 में गुजरात में भाजपा को सत्ता से हटा देगी और वहां अपनी सरकार बनाएगी, जैसा कि उसने इस साल की शुरुआत में पंजाब में कर दिखाया।

आम आदमी पार्टी ने गुजरात में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में लगभग 13 फीसदी वोट के साथ पांच सीट पर जीत हासिल की थी। केजरीवाल ने इस उपलब्धि पर पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि हाल में गुजरात के सिलसिले में मुझे किसी व्यक्ति ने कहा था कि आप तो बैल से भी दूध निकाल लाए। गाय से तो दूध सभी निकालते हैं, लेकिन हम विधानसभा चुनाव में पांच सीट जीतकर और 13 फीसदी वोट प्रतिशत हासिल करके बैल का दूध निकाल लाए।

उन्होंने गुजरात के लोगों को भी उनकी पार्टी की विचारधारा में विश्वास दिखाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने दूसरे प्रयास में पंजाब में अपनी सरकार बनाई थी। चिंता न करें, हम निश्चित तौर पर 2027 में गुजरात में भी अपनी सरकार बनाएंगे। ‘आप’ ने 2017 में गुजरात विधानसभा की 182 सीट में 29 सीट पर चुनाव लड़ा था, जबकि पंजाब की 117 सीट में से 112 पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, उस समय ‘आप’ को गुजरात में करारी हार का सामना करना पड़ा था और उसके सभी 29 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। पार्टी पंजाब में 20 सीट जीतकर राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई थी।

केजरीवाल ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों पर कहा कि भाजपा के गढ़ में पार्टी के आने से सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि वह निर्वाचन आयोग द्वारा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने की पात्र बन गई। उन्होंने कहा कि शायद ‘आप’ ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो अपने गठन के एक साल के भीतर दिल्ली की सत्ता में आई और 10 साल के भीतर उसने दूसरे राज्य पंजाब में अपनी सरकार बनाई और अब एक राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में ‘आप’ का इतनी तेजी से आगे बढ़ना हमारी विचारधारा और काम के कारण ही संभव हो पाया है।

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