किसानों की अंतिम अरदास में शामिल होंगे प्रियंका और टिकैत, लखीमपुर सहित पूरे यूपी में अलर्ट
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में मारे गए किसानों की अंतिम अरदास का आयोजन मंगलवार को किया जाना है। किसान मोर्चे के इस आह्वान के तहत खास तौर से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सा में गुरुद्वारों में किसान इकट्ठे होकर अंतिम अरदास कर मारे गए किसानों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेंगे। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी मंगलवार को फिर लखीमपुर के लिए रवाना हो चुकी हैं। गांधी हिंसा पीड़ित परिवारों के यहां अंतिम अरदास में शामिल होंगी। वहीं, राकेश टिकैत समेत अन्य कुछ किसान नेताओं के भी लखीमपुर और यूपी के कुछ अन्य जिलों में पहुंचने की खबरें हैं। इस आयोजन के मद्देनजर उत्तराखंड पुलिस भी अलर्ट मोड पर है।
लखीमपुर तिकुनिया में अंतिम अरदास की तैयारियां करते हुए किसान बहुत बड़े क्षेत्र में पंडाल लगा रहे हैं। अंतिम अरदास के बाद अस्थि कलश कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम में बेशुमार जत्थे सहित अन्य संगत के आने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। राकेश टिकैत, गुरनाम चढूनी, जयंत चौधरी जैसे दिग्गज नेताओं के कार्यक्रम में शरीक होने की खबर है। जयंत सिंह ने ट्वीट किया कि वह 12 अक्टूबर को मृतक किसानों की अरदास में लखीमपुर पहुंचेंगे। वहीं, राकेश टिकैत ने बताया कि 18 को ट्रेन रोको कार्यक्रम होगा। इससे पहले शहीद किसानों का कलश पूरे भारत में घुमाया जाएगा और 26 तारीख को बड़ी पंचायत लखनऊ में होगी।
लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों की आत्मा की शांति के लिए संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर किसान अपने इलाके के गुरुद्वारे में जाकर अरदास करेंगे। इसी के मद्देनज़र हरिद्वार, देहरादून ज़िले के बॉर्डर्स पर भी एहतियातन फोर्स बढ़ाई गई है और किसानों की सभी गतिविधियों पर उच्चाधिकारियों द्वारा नज़र रखी जा रही है। डीआईजी करन सिंह नगन्याल के मुताबिक सभी जिलों में सभी एसएसपी और एसपी को मंगलवार के दिन किसानों के मूवमेंट को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने पर सख्त कार्रवाई किए जाने के आदेश भी दिए गए हैं।
आपको बता दें कि 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा में किसानों के मारे जाने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है। मारे गए किसानों के लिए अंतिम अरदास 12 अक्टूबर को करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने आह्वान किया है। बताया जा रहा है कि हिंसा स्थल के पास ही ‘अंतिम अरदास’ का मुख्य आयोजन किया जा रहा है।