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AMU का रिसर्च स्कॉलर हुआ हिजबुल में शामिल, AK 47 के साथ हुई फोटो वायरल

अलीगढ़. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में रिसर्च स्कॉलर मुनान बशीर वानी के आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ने की खबर ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है. वानी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर नजर आई हैं जिसमें उसके हाथ में एके 47 राइफल है. बशीर वानी एएमयू में अप्लाइड जियोलॉजी (Applied Geology) विषय पीएचडी कर रहा था लेकिन कुछ ही दिन पहले उसने यूनिवर्सिटी छोड़ दी थी. AMU का रिसर्च स्कॉलर हुआ हिजबुल में शामिल, AK 47 के साथ हुई फोटो वायरल

मुनान बशीर वानी के हिजबुल में शामिल होने की खबर को सुरक्षा एजेंसियां भी पुख्ता मानकर चल रही है. वानी दक्षिण कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में लोलाब का रहने वाला है. घाटी में दक्षिण कश्मीर ही आतंक से सबसे अधिक प्रभावित रहा है. वानी के आतंकी संगठन से जुड़ने को सरकार के लिए भी झटका माना जा रहा है. केंद्र सरकार राज्य की मुफ्ती सरकार के साथ मिलकर युवाओं को हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लाने की कोशिशों में जुटी हुई है..

रिसर्च स्कॉलर मुनान बशीर वानी के आतंकी बनने की खबर दुखद इसलिए भी है क्योंकि अभी पिछले साल ही उसके गृह नगर उत्तर कश्मीर में आई बाढ़ के बाद उसने जीआईएस तकनीक और रिमोट सेंसिंग को लेकर अपनी एक रिपोर्ट बनाई थी जिसके लिए उन्हें पुरस्कार भी मिला था. 

बता दें कि साल 2017 के आखिर में अक्‍टूबर महीने में फुटबॉल खिलाड़ी माजिद इरशाद खान भी एक आतंकी संगठन से जुड़ गया था. हालांकि बाद में सुरक्षाबलों की कोशिश और अपनी मां की अपील पर वह वापस लौट आया था. वहीं, कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने दोनों मुल्कों से रिश्तों में गर्माहट लाने की अपील की है.

अपने पिता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की दूसरी पुण्यतिथि के मौके पर दक्षिणी कश्मीर के बिजबेहरा में महबूबा ने कहा, ‘कब तक मानवता का खून बहता रहेगा? दोनों देशों के नेतृत्व को अ‍वसर तलाश कर आपस में फैली घृणा को बातचीत के जरिए शांति में बदलना चाहिए.’ महबूबा ने कहा कि दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंध से राज्य में सकारात्मक माहौल बनेगा, जिसने बीते तीन दशकों से काफी खून-खराबा झेला है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच दुश्मनी का सबसे ज्यादा खामियाजा जम्मू-कश्मीर के लोगों को ही भुगतना पड़ा है.

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