बांग्लादेशी उपद्रवियों ने शेख मुजीब का घर जलाया, फिर उसे बुलडोज़र से गिरा दिया

नई दिल्ली: भारत में मौजूद शेख़ हसीना के एक ऑनलाइन कार्यक्रम से ठीक पहले बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के विरोधियों ने बुधवार की रात उनके पिता शेख़ मुजीबुर्रहमान के ढाका स्थित घर धानमंडी-32 में आग लगा दी और उसे बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।
उपद्रवियों ने 6 फरवरी को तड़के देश भर में शेख़ हसीना की पार्टी अवामी लीग के नेताओं के घरों में भी तोड़फोड़ की और शेख़ मुजीबुर्रहमान के भित्ति चित्रों को विकृत कर दिया। बांग्लादेश के प्रमुख अख़बार ‘द डेली स्टार’ ने लिखा है कि सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के मुताबिक़ ये प्रदर्शन शेख़ हसीना की ‘बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों’ की वजह से किया गया। शेख़ हसीना के विरोधियों का कहना है वो भारत में बैठ कर बांग्लादेश विरोधी गतिविधियां चला रही हैं। बता दें पिछले साल बांग्लादेश में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के बाद शेख़ हसीना को देश छोड़ना पड़ा था और वो 5 अगस्त को भारत आ गई थीं.

शेख़ हसीना की पार्टी की छात्र शाखा छात्र लीग ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें शेख़ हसीना को फेसबुक के जरिये बोलना था। कार्यक्रम के लिए रात नौ बजे का वक़्त तय किया गया था। इस कार्यक्रम की भनक मिलते ही प्रदर्शनकारियों ने ‘बुलडोजर प्रदर्शन’ का आह्वान कर दिया। भेदभाव विरोधी आंदोलन के संयोजक हसनत अब्दुल्ला की अपील पर रात आठ बजे ही सैकड़ों प्रदर्शनकारी फावड़ा और हथौडे़ लेकर धानमंडी-32 में घुस आए। ‘द डेली स्टार’ ने चश्मदीदों के हवाले से कहा है कि उन्होंने वहां लगे शेख़ मुजीबुर्रहमान के भित्ति चित्रों को विकृत कर दिया।
अख़बार के मुताबिक़ रात साढ़े नौ बजे इस बिल्डिंग में आग लगा दी गई. और आधी रात के थोड़ी देर पहले एक क्रेन और एक खुदाई करने वाली मशीन वहां पहुंच गई. इसके बाद रात दो बजे के आसपास बिल्डिंग का एक हिस्सा गिरा दिया गया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि वो लोग म्यूजियम में तब्दील कर दिए गए इस घर को इसलिए जला डालना चाहते थे क्योंकि ये ‘फासीवाद’ का प्रतीक बन गया था।

पिछले साल 5 अगस्त से ही भारत में रह रही शेख़ हसीना के प्रत्यर्पण के लिए बांग्लादेश लगातार दबाव बना रहा है। अंतरिम सरकार ने भारत से उन्हें वापस भेजने की मांग की है। लेकिन भारत ने इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। अंतरिम सरकार में शामिल लोगों का कहना है कि भारत शेख़ हसीना को पनाह दिए हुए है। वो लेकिन वो वहां से लगातार बांग्लादेश विरोधी गतिविधियां चला रही है। उधर शेख़ हसीना धानमंडी-32 को जलाने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों की कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा,” वो चंद बुलडोजरों से देश की आजादी के खात्मे की ताकत नहीं रखते। वो एक इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं लेकन इतिहास को नहीं मिटा सकते।