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तमिलनाडु में तत्काल लागू करें धर्मांतरण विरोधी कानून : भाजपा

नई दिल्ली। भाजपा दल ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों और नेताओं की तत्काल और बिना शर्त के रिहाई देने की मांग की है। दल ने द्रमुक सरकार से आगामी राज्य विधानसभा सत्र में तमिलनाडु में धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की भी मांग की है। भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और कोयंबटूर दक्षिण से विधायक वनथी श्रीनिवासन ने 14 फरवरी को चेन्नई शहर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने वाले एबीवीपी के 33 छात्रों और नेताओं को गिरफ्तार करने और सलाखों के पीछे डालने के लिए डीएमके सरकार की निंदा की है।

उन्होंने कहा कि एबीवीपी के छात्र और कार्यकर्ता केवल एक स्कूली छात्रा लावण्या के लिए न्याय की मांग कर रहे थे। छात्रा ने धर्म परिवर्तन के लिए मना करने के बाद उसे स्कूल अधिकारियों द्वारा परेशान किया गया, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाया। श्रीनिवासन ने कहा कि एबीवीपी से जुड़े प्रदर्शनकारी छात्र केवल अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं और धरने पर बैठकर लावण्या को न्याय दिलाने के लिए नारे लगा रहे हैं।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के आवास के सामने विरोध करते हुए एबीवीपी की राष्ट्रीय महासचिव निधि त्रिपाठी और 33 छात्रों को गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ झूठे आरोप और आपराधिक मामले दर्ज करके उन्हें हिरासत में भेज गया है। श्रीनिवासन ने कहा, “मैं डीएमके सरकार के इस व्यवहार की कड़ी निंदा करता हूं। मैं मुख्यमंत्री स्टालिन को याद दिलाना चाहता हूं कि वह लावण्या को न्याय मिलने तक लड़ने वाली आवाजों को दबा नहीं सकते।

हमारा संकल्प केवल मजबूत होगा। मैं मुख्यमंत्री और डीएमके सरकार से 33 छात्रों को बिना शर्त के रिहा करने का आग्रह करता हूं। मैं स्कूल के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करके लावण्या के लिए न्याय चाहती हूं, जिन्होंने उसे अपना धर्म बदलने के लिए परेशान किया, जिससे उसे घाटक कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।” श्रीनिवासन ने मांग की कि द्रमुक सरकार को राज्य विधानसभा के आगामी सत्र में तमिलनाडु में तुरंत एक धर्मातरण विरोधी कानून बनाना चाहिए, जो लावण्या और उनके परिवार के सदस्यों के लिए सच्चा न्याय होगा।

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