मध्य प्रदेश

मध्य रेल ने अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 तक 288 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया

मुंबई। मध्य रेल (Central Railway) ने सभी क्षेत्रीय रेलवे के बीच पार्सल राजस्व में अपना नंबर वन स्थान बरकरार रखा है। फरवरी 2022 के दौरान मध्य रेल का पार्सल राजस्व 28.16 करोड़ रुपये (Parcel Revenue Rs 28.16 Crore) रहा। जबकि अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 की अवधि (Period from April 2021 to February 2022) के दौरान 288 करोड़ का राजस्व (288 crore revenue) प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान प्राप्त 131.34 करोड़ रुपये के राजस्व से 119% अधिक है। मध्य रेल के महाप्रबंधक ने रेल द्वारा पार्सल परिवहन को सबसे सुरक्षित, तेज और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प बताया है।

मध्य रेल मुंबई के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, देश के दूर-दराज के बाजारों तक आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने वाली किसान रेल के सफल परिचालन से पार्सल यातायात में मुख्य रूप से वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 (अप्रैल-2021 से फरवरी-2022) में किसान रेल ने 3.06 लाख टन परिवहन कर विभिन्न गंतव्यों तक 847 सेवाएं पूरी की हैं। किसान रेल की शुरुआत के बाद से 1074 सेवाएं चलाकर, 3.78 लाख टन परिवहन किया गया है।

मध्य रेल के महाप्रबंधक अनिल कुमार लाहोटी ने कहा कि रेल द्वारा पार्सल परिवहन ग्राहकों के लिए सबसे सुरक्षित, तेज और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है। उन्होंने कहा कि किसान रेल सफलता की एक बड़ी कहानी साबित हुई है, जिससे किसानों, छोटे और मध्यम उद्यमियों को बहुत लाभ हुआ है। मध्य रेल सभी भारतीय रेलवे पर गैर-किराया राजस्व में भी नंबर वन है। अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 के दौरान, इस मद में 26.92 करोड़ रुपये राजस्व है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान प्राप्त राजस्व से 151% अधिक है।

मुंबई, नागपुर और पुणे मंडलों ने मुंबई-नागपुर दुरंतो एक्सप्रेस, मुंबई-पुणे डेक्कन एक्सप्रेस, दादर-सावंतवाड़ी रोड तुतारी एक्सप्रेस, मुंबई-करमली तेजस एक्सप्रेस, मुंबई-मडगांव जनशताब्दी एक्सप्रेस और पुणे-अहमदाबाद दुरंतो एक्सप्रेस इन 6 ट्रेनों का एक वर्ष के लिए 40.5 लाख रुपये के वार्षिक लाइसेंस शुल्क के तहत टैंडर अवार्ड किया है। इस योजना के तहत, लाइसेंसधारी को बाहरी और आंतरिक विज्ञापन, इंफोटेनमेंट, डिस्पोजेबल लिनन सहित बहुउद्देशीय वस्तुओं की ट्रेन वेंडिंग और प्रचार अधिकार की अनुमति है। रेलवे का कहना है कि इससे ओबीएचएस और बेडरोल सेवाओं पर बचत होगी।

पश्चिम रेलवे ने फरवरी 2022 में 7.25 मिलियन टन माल का लदान किया
पश्चिम रेलवे ने अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम संभव प्रयास किए हैं और इसकी गति को बनाए रखना जारी रखा है। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न सबसे कठिन चुनौतियों के बावजूद पश्चिम रेलवे ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए पश्चिम रेलवे ने फरवरी 2022 में 7.25 मिलियन टन माल लदान हासिल किया गया, जो पिछले वर्ष के इसी महीने में 6.63 मिलियन टन की तुलना में 9.4% अधिक है। उल्लेखनीय है कि यह उपलब्धि पिछले 7 वर्षों में फरवरी महीने के लिए अब तक की सबसे अच्छी लोडिंग करके मिली है। पिछला सर्वश्रेष्ठ माल लदान फरवरी 2015 में 7.00 मिलियन टन था।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार, पश्चिम रेलवे ने फरवरी, 2022 में प्रति दिन 5096 वैगन लोड किए जो कि फरवरी, 2021 में प्रतिदिन 4771 वैगनों की तुलना में 6.8% अधिक है। 1 अप्रैल, 2021 से 28 फरवरी, 2022 की अवधि में पश्चिम रेलवे ने 79.62 मिलियन टन माल लदान किया है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 73.37 मिलियन टन की तुलना में 8.5% अधिक है। इसके परिणामस्वरूप फरवरी, 2022 के महीने में 9839 करोड़ रुपये से अधिक का कुल माल राजस्व प्राप्त हुआ है। पश्चिम रेलवे ने नमक (390 वैगन/दिन) और पीयू रिलीज (4726 वैगन/प्रतिदिन) में अब तक की सर्वश्रेष्ठ लोडिंग हासिल की है एवं फरवरी, 2022 में उच्चतम BOXN रिलीज (प्रतिदिन 26.9 रेक) भी हासिल किया।

ठाकुर ने बताया कि नीतियों में बदलाव और विभिन्न क्षेत्रों में पश्चिम रेलवे द्वारा आक्रामक विपणन प्रयासों से राजस्व में निरंतर वृद्धि हुई है। 1 अप्रैल 2021 से 14 फरवरी 2022 की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे ने अपनी 794 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से 3.06 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से लगभग 109 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त किये गये। पश्चिम रेलवे द्वारा 1.20 लाख टन से अधिक भार और वैगनों के 100% उपयोग के साथ 168 दुग्ध विशेष ट्रेनें चलाई गईं। इसी तरह अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 35,000 टन से अधिक भार वाली 173 कोविड-19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं। इसके अलावा लगभग 1.02 लाख टन माल परिवहन के लिए 276 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोग के साथ चलाए गए। किसानों को उनकी उपज के लिए नए बाजार खोजने में मदद करने तथा इसके किफायती और तेज परिवहन के लिए विभिन्न मंडलों से इस अवधि के दौरान 48,700 टन से अधिक भार वाली 177 किसान रेलें भी चलाई गई हैं।

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