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CM योगी की राह पर एक और मुख्यमंत्री, ने लिया बड़ा एक्शन

रांची। यूपी में अवैध बूचड़खानों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का डंडा चलने के बाद अब एक और भाजपा शासित राज्य ने इस दिशा में एक्शन लिया है। झारखंड की भाजपा सरकार ने यूपी के नक्शेकदम पर चलते हुए राज्य में चल रहे अवैध बूचड़खानों को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। 

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’72 घंटों के भीतर समेट लें अवैध कारोबार’

सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि बिना लाइसेंस चल रहे बूचड़खाने 72 घंटों के भीतर अपना अवैध कारोबार समेट लें, अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार के मुख्य गृह सचिव एसकेजी रहाते ने सोमवार को सभी डिप्टी कमिश्नर, एसपी, नगर निगम के अधिकारियों, नगर पालिकाओं और अधिसूचित क्षेत्र समितियों को आदेश जारी कर कहा है कि अवैध रूप से चल रहे बूचड़खानों को तुरंत बंद कराया जाए।

झारखंड में एक भी बूचड़खाना वैध नहीं

आपको बता दें कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने देशभर में कुल 62 बूचड़खानों को लाइसेंस दिए हुए हैं, जिनमें से झारखंड में एक भी बूचड़खाने के पास लाइसेंस नहीं है। इसके अलावा देश के 75 स्वीकृत बूचड़खानों-सह-मांस प्रोसेसिंग प्लांट और 34 स्वीकृत मीट प्रोसेसिंह यूनिट में से भी कोई झारखंड में नहीं है। हालांकि रांची नगर निगम ने कुछ बूचड़खानों को लाइसेंस जारी किए हुए हैं।

चिकन-मटन वालों को भी लेना होगा लाइसेंस

सरकार से जारी आदेश में कहा गया है कि आम जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को देखते हुए राज्य में चल रहे अवैध बूचड़खानों को तत्काल बंद कराने का फैसला लिया गया है। मुख्य गृह सचिव ने कहा है कि पशुपालन विभाग, नगरपालिका निकाय और स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही इस संबंध में नियम जारी किए हुए हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि जो लोग चिकन और मटन का कारोबार करते हैं, उन्हें नगर निकाय से लाइसेंस प्राप्त करना होगा।

हड़ताल पर यूपी के मीट कारोबारी

गौरतलब है कि यूपी में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ ने अवैध बूचड़खानों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। यूपी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि केवल गैरकानूनी रूप से चल रहे बूचड़खानों को ही बंद कराया गया है। उन्होंने कहा कि कानूनी रूप से वैध बूचड़खाने यदि नियमों का पालन करते रहेंगे तो उनपर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। वहीं इसके विरोध में मीट कारोबारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

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