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सरकार के प्रयासों से अन्नदाता की भूमिका में वापस लौट रहे किसान : योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री ने 187 करोड़ की लागत वाले 37 भंडारगृहों का किया ऑनलाइन शिलान्यास

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश राज्य भंडारागार निगमद्वारा बनाये जाने वाले 37 भंडारगृहों (गोदामों) का ऑनलाइन शिलान्यास किया। इनकी लागत 187 करोड़ रुपये है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय को दोगना करना है तो उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने की कार्रवाई को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि जब मार्च 2017 में हमारी सरकार बनी तो हमारे सामने भंडारगृहों की चुनौती थी। हमारी बैठक में गेहूं खरीदने के बाद रखने की समस्या की बात कही गई, क्योंकि स्टोरेज क्षमता नहीं थी। 01 अप्रैल से गेहूं क्रय शुरू होना था। इसलिए सबसे पहला प्रश्न स्टोरेज का ही उठना था। हमने इस पर काम किया।

उन्होंने कहा कि लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था कि सरकार किसानों से उनके उत्पाद को खरीदेगी। किसान के उत्पाद को खरीदना और अगले 48 घंटे में उसके खाते में धनराशि चला जाना एक सपना था। लेकिन पहली ही बार में 37 लाख मीट्रिक टन अनाज खरीदने के साथ न्यूनम समर्थन मूल्य खातों में देने का कार्य किया गया। अगर स्टोरेज क्षमता नहीं होती तो ऐसा नहीं कर सकते थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल उपज को खरीदने का काम 53 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचा है। ये साबित करता है कि किसान को जब उचित का उचित दाम मिलने लगता है तो उसके जीवन में व्यापक बदलाव आ सकता है। साथ ही साथ ही बाजार को भी नियंत्रित करने में मदद लिती है। इसके अलावा कालाबाजरी पर रोक के साथ किसान का शोषण रुकता है। उन्होंने कहा कि किसान पहले पलायन को मजबूर होता था। लेकिन बीते तीन वर्ष में किए हमारे प्रयासों से अब वह खेती—किसानों की तरफ वापस आया है। उसे विश्वास हुआ है कि खेती घाटे का सौदा नहीं है। उसे लागत का डेढ़ गुना दाम मिलना प्रारम्भ हुआ है। परम्परागत खेती-किसानी की ओर विमुख होने के बाद अब लोग फिर उस ओर बढ़ रहे हैं। अन्नदाता की भूमिका में वापस लौटे हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन में फूलों की खेती करने वाला किसानों की समस्या का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान फूलों की खेती करने वाला किसान अपने को ठगा महसूस कर रहा था। ब्रिकी की व्यवस्था नहीं होने के कारण उसे फूल मौके पर ही छोड़ दिए। अगर उसे स्टोरेज करने की व्यवस्था दी गई होती, तो वह फूलों का वहां सुरक्षित रख सकता था, जिनसे बाद में अगरबत्ती आदि बनायी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि हमें इस तरह की कई समस्याओं के समाधान पर काम करना होगा।

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