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‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर पूर्व राष्ट्रपति कोविन्द के नेतृत्व वाली समिति ने आम लोगों से माँगी राय

नई दिल्ली : ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के मसले पर गठित उच्च स्तरीय समिति ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर आम जनता से सुझाव मांगे गए हैं। एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि इसके लिए एक नोटिस जारी किया गया है।

समिति ने कहा कि देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव करने की पहल की गई है। केंद्र सरकार ने एक समिति का गठन किया है जिसका नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द करेंगे।

एक अधिकारी ने कहा कि ‘संदर्भ की शर्तों’ के अनुसार, समिति को स्थायी आधार पर एक साथ चुनाव कराने के लिए उचित कानूनी और प्रशासनिक ढांचे के निर्माण, संविधान और संबंधित चुनाव कानूनों में आवश्यक संशोधनों की पहचान, सामान्य मतदाता सूची, ईवीएम/वीवीपीएटी आदि लॉजिस्टिक्स तैयार करने के लिए सिफारिशें करने की आवश्यकता है।

समिति पहले ही दो बैठकें कर चुकी है और राजनीतिक दलों से भी संपर्क कर चुकी है। पैनल ने कहा कि उसने 33 राजनीतिक दलों को पत्र भेजा है। एक अधिकारी के मुताबिक, समिति के सदस्य राज्य विधानसभाओं के साथ-साथ लोकसभा चुनाव के निहितार्थ की जांच कर रहे हैं।

देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव करने के लिए आम जनता से लिखित सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।15 जनवरी तक प्राप्त सभी सुझावों को विचार के लिए समिति के समक्ष रखा जाएगा। सुझाव ‘https://onoe.gov.in’ पर पोस्ट किए जा सकते हैं।

ई-मेल के माध्यम से ‘sc-hlc@gov.in’ पर या डाक द्वारा जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल, (ब्लॉक नंबर 9) राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी ‘सी’ हेक्सागन (इंडिया गेट सर्कल) नई दिल्ली -110003 के पते पर भेजे जा सकते हैं। समिति एक साथ चुनाव कराने के विचार पर उनके विचार जानने के लिए पहले ही देश के विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ बातचीत कर चुकी है।

राजनीतिक दलों को रिमाइंडर भी भेजा गया। समिति के अनुसार, कुल छह राष्ट्रीय दलों, 33 राज्य दलों और सात अन्य पंजीकृत दलों को पत्र भेजे गए हैं। ‘एक देश एक चुनाव’ के मुद्दे पर समिति ने विधि आयोग के विचार भी सुने हैं।

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