मध्य प्रदेशराज्य

उप डाकपाल ने उपभोक्ताओं के एक करोड़ 18 लाख सट्टे में लगा दिए

बीना: छोटी बजरिया पोस्ट आफिस में पदस्थ उप डाकपाल ने एक-दो के साथ नहीं, बल्कि 21 उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी की है। जीआरपी द्वारा पूछताछ में आरोपित उप डाकपाल विशाल अहिरवार ने खुद यह बात स्वीकार की है। एक-एक पैसा बचाकर पोस्ट आफिस में एफडी कराने वाले इन उपभोक्ताओं के साथ धोखधड़ी कर करीब एक करोड़ 18 लाख रुपये उसने आइपीएल मैचों में सट्टेबाजी में लगा दिए।

आरोपित उप डाकपाल ने पोस्ट आफिस में रहते हुए 21 उपभोक्ताओं के साथ 1.18 करोड़ की धोखाधड़ी की, इसका खुलासा तब हुआ जब पोस्ट आफिस में एफडी कराने वाले अंजल परिहार, वासुदेव गोस्वामी, वर्षा सोलंकी, प्रताप रजक, आशा अहिरवार, चंदा अहिरवार, परमानंद साहू और अंकित ताम्रकार एफडी परिपक्व होने पर रुपये निकालने के लिए डाक घर पहुंचे। पोस्ट आफिस में एफडी और खाता नंबर देने पर पता चला कि यह खाता नंबर फर्जी है और उनके नाम किसी तरह की एफडी नहीं है। उपभोक्ता रुपये निकालने के लिए कई दिनों डाक घर के चक्कर लगाते रहे। आखिर में उपभोक्तों को बताया गया कि उप डाकपाल ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। इसके चलते उप डाकपाल को निलंबित कर दिया गया है।

फर्जीबाड़ा सामने आने पर उपभोक्ताओं ने जीआरपी थाने में शिकायत दर्ज कराई। जीआरपी ने शिकायत पर जांच करते हुए 14 मई को आरोपित उप डाकपाल के खिलाफ आइपीसी की धारा 408, 420 के तहत मामला दर्ज कर उसे 19 मई को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित को न्यायालय में पेश कर 08 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया। लेकिन अब तक जीआरपी आरोपित से एक पैसे की रिकवरी भी नहीं कर पाई है।

उपभोक्ताओं की जमा पूंजी हड़पने वाले आरोपित उप डाकपाल को अपने किए पर जरा भी पछतावा नहीं है। जीआरपी द्वारा की गई पूछताछ में आरोपित ने सहज अंदाज में बता दिया कि उसने सिर्फ 9 उपभोक्ताओं के साथ नहीं, बल्कि 21 उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी की और 01 करोड़ 18 लाख रुपये आइपीएल में हार गया है। आरोपित ने बताया कि उसके पास उपभोक्ताओं का एक रुपया भी नहीं है।

बत्तीस साल की वर्षा सोलंकी दो छोटे बच्चों की मां है और इस वक़्त मध्य प्रदेश के बीना शहर में अधिकारियों से मिलना उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है. वजह यह है कि उनके पति की मौत के बाद पिछले साल साढ़े छह लाख रुपये का जो फिक्स्ड डिपॉजिट उनके नाम पर बीना पोस्ट ऑफिस में किया गया था उसे उप डाकपाल ने उड़ा दिया है.

वर्षा अकेली नहीं है इस तरह के कई लोग हैं जिनके साथ यह मामला हुआ है. पुलिस के मुताबिक़, यह राशि एक करोड़ रुपये से अधिक की है. पुलिस ने उप डाकपाल विशाल अहिरवार को गिरफ्तार कर लिया है जिन्होंने यह राशि गबन करके आईपीएल के सट्टे में लगा दी है. वर्षा ने बताया, “मेरे पति की मौत पिछले साल कोरोना से हो गई थी. उसके बाद रिश्तेदारों ने साढ़े छह लाख रुपये डाकघर में एफडी करवाए थे. जब यह मामला सामने आया तो हम भी डाकघर गए और तब हमें पता चला कि हमें जो काग़ज़ात दिये गए थे वो सभी फर्जी थे”.

वर्षा के दो बच्चे है जिनकी उम्र 5 और 10 साल की है. उन्होंने बताया, “मेरा घर मकान से मिलने वाले किराए से चलता है और यह राशि बच्चों के भविष्य के लिए रखी गई थी लेकिन इस व्यक्ति ने सारा पैसा ग़लत तरह से निकाल लिया और हमारे लिए संकट पैदा कर दिया है.”

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