बिहारराज्य

डॉक्टर ने लगवाए कोरोना के 5 टीके! पैन से 2 और आधार कार्ड से 3 डोज लेने के सर्टिफिकेट आए सामने

पटना: कोविन पोर्टल पर पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा सिंह के नाम से पांच बार टीका लेने के दो सर्टिफिकेट जारी हुए हैं। इसके बाद प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई है। इस बारे में जब डीएम ने सविल सर्जन से जानकारी मांगी तो उन्होंने इसे बेबुनियाद बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं। सिविल सर्जन डॉ. विभा सिंह ने कहा कि एक डॉक्टर की तो छोड़ दें किसी भी स्तर का स्वास्थ्यकर्मी इस तरह का कृत्य नहीं करेगा।

किसी ने जानबूझकर उन्हें बदनाम करने की साजिश की है। यह गड़बड़ी कैसे हुई, इसकी जांच की जाएगी। जो भी इसके लिए दोषी पाए जाएंगे, उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सिविल सर्जन का कहना है कि कोविन पोर्टल की तकनीकी खामियों का फायदा उठाकर किसी ने यह शरारत की है। इसका झूठा सर्टिफिकेट भी कोविन पोर्टल पर अपलोड कर लिया गया है लेकिन कोविन पोर्टल पर वैक्सीन लेने के साथ पैन कार्ड की कॉपी अपलोड हो जाए, ऐसा होना मुश्किल है। उन्होंने इस खबर को फैलाने के पीछे कार्यालय के किसी कर्मी की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया है।

आठ दिनों के अंतराल पर दूसरी डोज लेने की बात हास्यास्पद
सोशल मीडिया पर पांच बार टीका लेने की खबर दिनभर वायरल होती रही। प्रमाणपत्र में आठ दिन के अंतराल पर दूसरा डोज लेने की बात कही गई है। पैन कार्ड से निर्गत पहले प्रमाणपत्र में सिविल सर्जन को 28 जनवरी 2021 को पहला और 17 जून को दूसरा टीका लेने की बात कही गई है। आधार कार्ड से निर्गत दूसरे प्रमाणपत्र में 6 फरवरी 2021 को पहला, 12 मार्च को दूसरा और 13 जनवरी 2022 को बूस्टर डोज दर्शाया गया है। सिविल सर्जन ने कहा कि शुरुआती दौर में जब 28 दिन का अंतर दो डोज के बीच में लेना अनिवार्य था तो ऐसे में कोई आठ दिन में कैसे यह डोज ले सकता है। उन्होंने अन्य लोगों से भी भारत सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक ही कोरोना टीके का डोज लेने की अपील की।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
एम्स में कोरोना वैक्सीनेशन ट्रायल से जुड़ीं नोडल पदाधिकारी डॉ. वीणा सिंह ने कहा कि डॉक्टर की बात तो छोड़ दें कोई भी स्वास्थ्यकर्मी कोरोना टीके का डोज इस प्रकार नहीं ले सकता। ट्रायल के दौरान भी दो टीका लेने के बीच कम से कम 28 दिन का अंतर रखा गया था। ऐसे में कोई डॉक्टर आठ दिन में या गाइडलाइन के विपरीत जाकर पांच बार डोज ले, यह संभव नहीं है। कोई सिरफिरा अथवा मानसिक संतुलन खो चुका ही ऐसा कर सकता है।

मोबाइल नंबर से पकड़ में आएगा
जिला टीकाकरण पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक ने कहा कि कोविन पोर्टल पर किसी के भी दस्तावेज से फर्जी प्रमाणपत्र उसके नाम पर निकाला जा सकता है। अगर किसी का पैन कार्ड अथवा आधार का नंबर हो तो कोई भी मोबाइल नंबर पर ओटीपी मंगाकर रजिस्ट्रेशन हो सकता है। उसके आधार पर कोई दूसरा टीका लेकर प्रमाणपत्र भी अपने मोबाइल नंबर पर मंगा सकता है। सिविल सर्जन का दो-दो प्रमाणपत्र किस नंबर पर मंगाया गया, यह भी एक जांच का विषय है।

Related Articles

Back to top button