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थरूर के कारण बदल दिए थे चुनाव प्राधिकरण ने पोलिंग एजेंट बनाने के नियम

भोपाल : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी के चुनाव प्राधिकरण ने इस बार अपने नियमों में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद अध्यक्ष के उम्मीदवार शशि थरूर को हर राज्य में तय संख्या अनुसार पोलिंग एजेंट मिल सके। माना जा रहा है कि शशि थरूर को हर राज्य में पोलिंग एजेंट मिल सके, इसलिए नियमों में संशोधन किया गया था।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए पहले यह नियम था कि पीसीसी डेलीगेट ही उम्मीदवार के पोलिंग एजेंट बन सकते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। मध्य प्रदेश सहित करीब आधा दर्जन राज्यों में इस बार कार्यकर्ता भी पोलिंग एजेंट बनाए गए। मध्य प्रदेश में शशि थरूर के पोलिंग एजेंट जितेंद्र मिश्रा, अर्जुन शर्मा, राजकुमार सिंह और संतोष सिंह परिहार थे। जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे के पोलिंग एजेंट अशोक सिंह, जेपी धनोपिया, महेंद्र सिंह चौहान और अजय चौरडिया थे। दोनों के एक-एक पोलिंग एजेंट पीसीसी डेलीगेट नहीं थे। दोनों को नये नियम के तहत पोलिंग एजेंट बनाया गया था।

प्रदेश कांग्रेस में हुई वोटिंग में 464 पीसीसी डेलीगेट्स ने वोट डाले थे, जबकि पीसीसी के 12 डेलीगेट्स ने भोपाल के बाहर वोट डाले थे। इस तरह से प्रदेश के कुल 502 पीसीसी डेलीगेट्स में से 476 ने वोट डाले थे। इसमें 26 डेलीगेट्स ने वोट नहीं डाले, जिन्होंने वोट नहीं डाले उनमें एक नाम प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव का भी है।

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