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बिकरू से बैंकॉक तक गैंगस्टर की संपत्ति पर ED की नजर, खत्म होगा काली-कमाई का साम्राज्य

लखनऊ, 12 जुलाई, दस्तक (ब्यूरो): कुख्यात अपराधी विकास दुबे के कानपुर में पुलिस एनकांउटर में ढेर होने के बाद अब उसके करीबियों तथा फाइनेंसर जय वाजपेयी पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कस रहा है। प्रदेश सरकार विकास दुबे के आर्थिक साम्राज्य की कुंडली खंगालने में जुटी हुई है। अब विकास दुबे के परिवार और सहयोगियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होगा।

काली कमाई से जुटाई संपत्तियां होगी अटैच

भले ही गैंगस्टर मुठभेड़ में मारा जा चुका है, लेकिन ईडी मनी लॉन्ड्रिग एक्ट के तहत अपराध के जरिये काली कमाई से जुटाई गई उसकी संपत्तियों को अटैच कर सकता है। लखनऊमें ईडी के जोनल मुख्यालय के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह का कहना है कि आयकर विभाग से भी विकास के गैंग के लोगों और करीबियों के बीते सालों में दाखिल किए गये इनकम टैक्स रिटर्न की जानकारी भी मांगी है। उसके कई देशों की यात्रा करने की बात प्रकाश में आ रही है। पुलिस अधिकारी उसके पासपोर्ट को लेकर भी छानबीन करा रहे हैं।

अरबों की बेनामी संपतियों का निवेश करता था जय वाजपेयी

अरबों रुपये की बेनामी संपतियों के मालिक जय वाजपेयी ही विकास के काला धन को निवेश करता था, इतना ही नहीं वह विकास दुबे से करोड़ों रुपया लेकर लोगों को ब्याज पर देने का भी बड़ा काम करता था। केंद्र सरकार की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम विकास दुबे और जय वाजपेयी के बीच होने वाले सारे लेनदेन की जांच करेगी। जय वाजपेयी अभी फिलहाल एसटीएफ के शिकंजे में है। विकास दुबे ने जय वाजपेयी के माध्यम से देश और विदेश में अपनी बड़ा आर्थिक साम्राज्य खड़ा किया था। विकास दुबे ने करीब 35 वर्ष का आपराधिक जीवन में अरबों रुपयों की अकूत संपत्ति अॢजत की। इसको वह जय वाजपेयी के माध्यम से कई धंधों में लगाता था। रियल एस्टेट में तो उसने भारत के साथ ही दुबई व थाइलैंड की राजधानी बैंकाक में बड़ा निवेश किया था।

पुलिस और एसटीएफ ने अपनी जांच शुरू कर दी

विकास दुबे की फरारी के दौरान ही पुलिस और एसटीएफ ने अपनी जांच शुरू कर दी थी। इसी बीच विकास दुबे और जय वाजपेयी का कनेक्शन सामने आया था। एसटीएफ तथा पुलिस ने इनके बीच लेनदेन का ब्यौरा जुटाया है। जिसके बाद ईडी ने भी पड़ताल की तो विदेशों में निवेश का मामला सामने आ गया है। एसटीएफ तथा पुलिस ने ईडी को जय वाजपेयी के स्टेट बैंक रामकृष्ण नगर में खाता का ब्यौरा दिया है। इस खाते में बीते एक वर्ष में करीब एक करोड़ का लेन-देन हुआ। इनमें भी करीब 60 लाख रुपये जय वाजपेयी ने खुद ही निकाले हैं। यह रकम कहां से आती थी और किस काम में खपाई जाती थी इसके लिंक तलाशे जा रहे हैं। जय वाजपेयी की पत्नी श्वेता के खाते से एक वर्ष में 60 लाख का लेनदेन हुआ। इनमें 45 लाख रुपए खुद श्वेता ने निकाले हैं, जबकि बाकी की रकम चेक के जरिए अन्य लोगों ने निकाला।

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