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EOW ने शुरू की जांच, सील किया निधि ट्रस्ट के कार्यालय का कमरा…

लखनऊ । उत्तर प्रदेश पॉवर सेक्टर इम्प्लॉईज ट्रस्ट के भविष्य निधि की जीपीएफ और सीपीएफ में बड़े घोटाले के मामले में एफआइआर तथा दो अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद अब ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार के इस बड़े घोटाले की सीबीआई जांच की संस्तुति के बीच ईओडब्ल्यू ने सोमवार से अपनी जांच शुरू कर दी।

ईओडब्ल्यू के डीआईजी हीरालाल सोमवार करीब 12:30 बजे अपनी टीम के साथ शक्ति भवन में पीएफ घोटाले की जांच करने पहुंचे। पॉवर कार्पोरेशन मुख्यालय शक्ति भवन के द्वितीय तल पर उत्तर प्रदेश पॉवर सेक्टर इम्प्लॉईज ट्रस्ट के कार्यालय में ईओडब्ल्यू की टीम ने पड़ताल की। करीब आधा घंटा की छानबीन के बाद टीम ने कमरा को सील कर दिया। इस दौरान सभी कर्मचारी कमरे के बाहर तथा लॉबी में टहलते रहे।

ईओडब्ल्यू के डीआईजी हीरालाल तथा एसपी शकील उल जमां के साथ सभी विवेचक शक्ति भवन पहुंचे। इस टीम में फिलहाल 11 सदस्य हैं। इन सभी ने ट्रस्ट के कमरे की गहन छानबीन की।

उत्तर प्रदेश पॉवर सेक्टर इम्प्लॉईज ट्रस्ट में अरबों के घोटाले की परत धीरे-धीरे खुलने के साथ पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल तथा एमडी ए पी मिश्रा के साथ मौजूदा चेयरमैन आलोक कुमार की भी भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए है। इसके साथ ही प्रदेश में राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए हैं।

उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड में हुए भविष्य निधि घोटाले की जांच पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने अपने हाथ में ली है। ईओडब्ल्यू ने शक्ति भवन पहुंचकर भविष्य निधि ट्रस्ट के कार्यालय का की पड़ताल के बाद कमरा सील कर दिया है। इसमें नामजद पॉवर कार्पोरेशन के तत्कालीन निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी तथा तत्कालीन सचिव (ट्रस्ट) प्रवीण कुमार गुप्ता को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजा गया है। प्रवीण गुप्ता को आगरा और सुधांशु द्विवेदी को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था।

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