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बिजली कर्मियों के हड़ताल के बाद भी मिलेगी पूरी बिजली, यूपी पावर कारपोरेशन वैकल्पिक व्यवस्था का करेगी प्रबंध

इलाहाबाद : उ.प्र. पावर कारपोरेशन आने वाले दिनों में ऐसी स्थिति में होगा कि बिजली कार्मिकों के कार्य बहिष्कार या किसी अन्य आंदोलन के दौरान भी बाधारहित बिजली की सप्लाई दे सके। इसके लिए बिजली उत्पादन, वितरण जैसे अहम निगमों में वैकल्पिक व्यवस्था (कंटीजेंसी प्लान) का खाका खींचा जा रहा है। वैकल्पिक व्यवस्था इस तरह की होगी कि ऊर्जा निगम प्रबंधन व कार्मिकों के बीच होने वाले किसी भी विवाद के दौरान आम आदमी को बिजली मिलने में कोई दिक्कत न हो।

अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता और उ.प्र. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज के पत्र के बाद उत्पादन और वितरण निगमों के स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था की योजना बनाई जा रही है। बीते दिनों उच्च न्यायालय इलाहाबाद में बिजली कार्मिकों के हड़ताल के कारण उत्पन्न स्थिति पर सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने यह कहा था कि यदि हड़ताल होती है तो उस समय सामान्य विद्युत आपूर्ति को बहाल रखने के लिए राज्य सरकार के पास समुचित वैकल्पिक व्यवस्था (कंटीजेंसी प्लान) भी होनी चाहिए।

हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद शासन और पावर कारपोरेशन प्रबंधन स्तर से कंटीजेंसी प्लान बनवाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह व्यवस्था ऐसी होगी कि जरूरत पड़ने पर न्यूनतम समय में इसे लागू किया जा सके। चेयरमैन एम. देवराज के मुताबिक उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था पर सभी ऊर्जा निगमों से प्रस्ताव व सुझाव मांगे हैं। वैकल्पिक व्यवस्था मूलत: आपात स्थिति में बिजली की आपूर्ति सामान्य रखने के उद्देश्य पर केंद्रित होगी। उत्पादन और वितरण निगमों से वैकल्पिक व्यवस्था का प्लान आने के बाद मुख्यालय स्तर पर उसे कंपाइल कर एक बेहतर प्लान बनाया जाएगा।

वैकल्पिक व्यवस्था को तैयार करने के लिए बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों ने मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों को पत्र लिखकर तत्काल प्लान तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हैं। मुख्य अभियंताओं को पत्र भेजे जाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि अभियंता संघ से जुड़े इन अधिकारियों के सुझाव पर प्लान तैयार किया गया तो शायद उद्देश्य की शतप्रतिशत पूर्ति ना हो सके।

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