भोपाल: महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत यदि राज्य सरकार रोजगार के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध नहीं करा पाई तो उसे बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए नियमों का प्रारूप तैयार कर दिया है। इस प्रारुप पर विचार करने के तीस दिन बाद इसे लागू किया जाएगा। इस योजना के अधीन रोजगार के लिए आवेदन करने वाले किसी आवेदक को, उसके द्वारा रोजगार की इच्छा करने वाले उसके आवेदन की तारीख से या उस तारीख से जिसके लिए अग्रिम आवेदन दिया गया है उसके बाद पंद्रह दिन के भीतर रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो वह बेरोजगारी भत्ते का हकदार होगा।
कोई भी आवेदक बेरोजगारी भत्ते का पात्र नहीं होगा जो इस योजना के तहत उसकी परिवार को उपलबध कराए गए रोजगार को स्वीकार नहीं करता है। ऐसे व्यक्ति को भी बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलेगा जिसे रोजगार के लिए कार्यक्रम अधिकारी या कार्यान्वयन अभिकरण द्वारा सूचना दिए जाने के बाद भी वह पंद्रह दिन के भीतर काम के लिए उपस्थित नहीं होता है। यदि संबंधित कार्यान्वयन अभिकरण से कोई अनुमति लिए बिना एक सप्ताह से अधिक की अवधि के लिए कार्य से लगातार अनुपस्थित रहता है या किसी मास में एक सप्ताह से अधिक की कुल अवधि के लिए अनुपस्थित रहता है।
किसी भी व्यथित आवेदक को कार्यक्रम अधिकारी को उन दिनों की संख्या का सीधे तौर पर स्पष्ट कथन करते हुए बेरोजगारी भत्ते के लिए लिखित रूप में आवेदन करना होगा। कार्यक्रम अधिकारी लिखित रुप में आवेदन प्राप्त करेगा। उसे प्रमाणित करेगा और आवेदक को पावती भी देगा। बेरोजगारी भत्ते के लिए दावा करने के लिए कोई भी आवेदन नियम तीन के अनुसार आवेक के बेरोजगारी भत्तते के हकदार होंने के दिन से पंद्रह दिन के भीतर प्रस्तुत करना होगा। आवेदक निरीक्षण्ूा हेतु कार्य की मांग के एि दिए गए अपने आवेदन की मूल पावती तथा रोजगार पत्र जाब कार्ड की मूल पावती के साथ अपना दावा प्रस्तुत करेगा जो इस दावे के निश्चय के तत्काल बाद उसे वापस कर दिए जाएंगे। कार्यक््रम अध्ािकारी दावे की प्राप्ति के सात दिन के भीतर बेरोजगारी भत्ते के दावे हेतु प्राप्त आवेदन को समुचित जांच के बाद मंजूर या रद्द करेगा तथ वह बेरोजगारी भत्ते के आवेदन की मंजूरी या उसे रद्दद करने के कारण बताते हुए आवेदक को सूचित करेगा। दावों के सत्यापन के बाद जिला कार्यक्रम समन्वयक को बेरोजगारी भत्ते के भुगतान हेतु सिफारिश के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
रिपोर्ट प्राप्त होंने के बाद जिला कार्यक्रम समन्वयक राज्य रोजगार गारंटी परिषद को बेरोजगारी भत्ते की रकम के लिए अपना पक्ष भेजेगा। सात दिन के भीतर यह कार्यवाही पूरी होगी। रोजगार गारंटी परिषद सात दिन के भीतर रकम जारी करेगा। रोजगार उपलब्ध नहीं कराने के लिए सरकारी अधिकारी की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। यदि किसी परिवार को राज्य सरकार द्वारा काम के लिए उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया जाता है तो उसी समय यह दावा समाप्त हो जाएगा। जिस अवधि में रोजगार चाहा गया है वह समाप्त हो जाती है और गृहस्थी का कोई सदस्य रोजगार के लिए उपस्थित नहीं होता है या परिवार के किसी सदस्य ने वित्तीय वर्ष के दौरान सौ दिन का रोजगार प्राप्त कर लिया हो तो उसका दावा समाप्त हो जाएगा।
किसी भी परिवार के किसी आवेदक को दिये जाने वाले बेरोजगारी भत्ते का भुगतान उस वित्तीय वर्ष के दौरान परिवार की हकदारी के अधीन प्रथम तीस दिन के लिए स्कीम की प्रचलित मजदूरी की एक चौथाई के बराबर दर से किया जाएगा तथा उस वित्तीय वर्ष की बची हुई अवधि हेतु मजदूरी दर से आधे के बराबर दर से भुगतान किया जाएगा।