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नया फरमान! 20 नवंबर तक नहीं ली कोविड वैक्सीन तो नहीं मिलेगा राशन और पेट्रोल

औरंगाबाद : महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की वैक्सीन न लेने वालों के लिए औरंगाबाद प्रशासन ने सख्त फरमान सुनाया है। जिला प्रशासन ने बुधवार को जिले की सभी राशन दुकानों, गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंपों को केवल उन्हीं नागरिकों को ही सामान और ईंधन की आपूर्ति करने के लिए कहा हैं, जिन्होंने टीके की कम से कम एक खुराक ली हो। प्रशासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार वैक्‍सीन नहीं लगवाने वाले लोगों को जिले में पर्यटन स्‍थलों पर भी प्रवेश नहीं मिल पाएगा।

इस आदेश के मुताबिक वैक्सीन न लेने वालों को जला स्तर पर ट्रेवल प्रतिबंधों का भी सामना करना पड़ेगा। मिली जानकारी में मुतबिक कोरोना टीकाकरण की कम रफ्तार को देखते हुए मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से 20 नवंबर तक के लिए तय किए गए 100 फीसदी टीकाकरण के लक्ष्‍य का पाने के मद्देनजर किया गया है। प्रशासनिक आदेश के मुताबिक सभी पर्यटन स्‍थलों पर स्थित सभी होटलों, रिसॉर्ट, दुकानों में काम करने वाले लोगों के लिए टीका लगवाना आवश्‍यक किया गया है। यह आदेश जिले में 9 नवंबर से प्रभावी हो गया है।

जिले के अधिकारियों ने कहा कि राज्य के 36 जिलों में टीकाकरण के मामले में 26वें स्थान पर है। जिले में अब तक लगभग 55 प्रतिशत पात्र लोगों को टीका लगाया जा चुका है, जबकि राज्य में यह 74 प्रतिशत है। एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार रात जारी एक आदेश में औरंगाबाद के कलेक्टर सुनील चव्हाण ने उचित मूल्य की दुकानों, गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंपों के अधिकारियों को ग्राहकों के टीकाकरण प्रमाण पत्र की जांच करने का निर्देश दिया।

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जिला प्रशासन को कोरोना टीकाकरण के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा था। एक ओर जहां महाराष्‍ट्र में टीकाकरण का औसत आंकड़ा 74 फीसदी है तो वहीं औरंगाबाद में टीका लगवाने के योग्‍य लोगों में से सिर्फ 55 फीसदी लोगों ने ही वैक्‍सीन की एक डोज लगवाई है। वहीं 23 फीसदी लोगों ने वैक्‍सीन की दोनों डोज लगवा ली है। त्‍योहारी मौसम में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए टीकाकरण को गति देने का निर्णय लिया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि यदि आदेश का पालन नहीं किया जाता है, तो प्रशासन संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा। कलेक्टर ने हाल ही में यह भी आदेश दिया था कि जिन लोगों ने COVID-19 वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं ली है, उन्हें औरंगाबाद में ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि क्षेत्र में टीकाकरण की रफ्तार काफी धीमी थी।

प्रशासन के आदेश के मुताबिक 18 साल से अधिक उम्र के वैक्‍सीन की पहली डोज नहीं लगवाने वाले लोगों और तय समय पर दूसरी डोज नहीं लगवाने वाले लोगों को पर्यटन स्‍थलों पर प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। इनमें बीबी का मकबरा, अजंता, एलोरा गुफाएं और दौलताबाद किला समेत अन्‍य पर्यटन स्‍थल शामिल हैं।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि टीकाकरण अभियान को तेज करने के लिए औरंगाबाद जिला परिषद ने शाम को टीकाकरण के समय को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। जिला परिषद के स्वास्थ्य अधिकारी सुधाकर शेकले ने पीटीआई को बताया, ‘कई लोग सुबह से शाम तक खेतों में काम करते हैं। इसलिए, उनके टीकाकरण की सुविधा के लिए, जिला परिषद जिले में शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक टीकाकरण करेगी।’

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