राष्ट्रीय

IPL-9: मजदूर का बेटा चमका, हुआ राजस्थान का नाम रोशन

phpThumb_generated_thumbnailदस्तक टाइम्स एजेन्सी/जयपुर।

‘कौन कहता है कि आसमा में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों’- कवि दुष्यंत कुमार की इस पंक्ति को सार्थक किया है राजस्थान के सीकर जिले के युवा क्रिकेटर नाथू सिंह ने, जिसने तमाम मुश्किलों के बावजूद हार नहीं मानी और वो मुकाम हासिल किया, जिसका सपना हर क्रिकेटर देखता है।
जी हां! राजस्थान के सीकर जिले के युवा क्रिकेटर नाथू सिंह अब आईपीएल के 9वें सत्र में अपना जलवा दिखाते नजर आएंगे। नाथू की प्रतिभा को देखते हुए मुंबई इंडियंस के मालिकों ने उन्हें 3.20 करोड़ रुपए में खरीदा।
नाथू सिंह के शानदार खेल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 10 लाख की बेस प्राइस वाले इस क्रिकेटर को लेने की होड़ में पुणे और दिल्ली जैसी टीमें शामिल थी। लेकिन फैक्ट्री में मजदूरी करने वाले के बेटे नाथू सिंह के यहां तक पहुंचने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है।
कैसे बना मजदूर का बेटा स्टारः
नाथू सिंह के पिता पहले खेती करते थे लेकिन उससे उनका घर चलना मुश्किल था। ऐसे में उन्होंने फैक्ट्री में नौकरी की। गली क्रिकेट खेलते हुए नाथू सिंह की प्रतिभा को जब सराहना मिली तो पिता भरत सिंह ने बेट को प्रोत्साहित किया और क्रिकेट का ककहरा सीखने के लिए एकेडमी में भेजना शुरू कर दिया। लेकिन वहां की फीस 10 हजार रुपए थी। ऐसे में उन्होंने दो महीने की फीस भरी और तैयारी में जुट गए।
 
दो महीने में ही नाथू ने अपनी प्रतिभा को लोहा मनवा लिया और वे एकेडमी के स्टार प्लेयर बन गए। उनकी पारिवारिक स्थिति को देखते हुए एकेडमी ने ही उनकी फीस भरी।
उनके शानदार खेल का ईनाम भी उन्हें जल्द ही मिल गया। उन्हें इसी साल अंडर-19 टीम में जगह मिल गई। जल्द ही उनकी प्रतिभा से दिग्गज भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ और भारतीय चयनकर्ता संदीप पाटील प्रभावित हुए और उनका चयन रणजी ट्रॉफी के लिए हो गया। राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर जैसे भारतीय क्रिकेटर्स भी नाथू की जबरदस्त स्पीड के कायल हैं।
मैक्ग्रा ने बता चुके हैं टीम इंडिया का भविष्यः 
ऑस्ट्रेलिया के महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा ने एफआरएफ एकेडमी में नाथू सिंह की गेंदबाजी की तारीफ कर चुके हैं। मैक्ग्रा नाथू सिंह की गेंदबाजी से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन्हें टीम इंडिया का भविष्य बताया था।
एमआरएफ पेस फाउंडेशन के मुख्य बॉलिंग कोच सेंथिलनाथन ने भी बताया था कि वो एक स्पेल में 140 किमी प्रति घंटे की औसत से रफ्तार से बॉलिंग करता है।
अगर पांच ओवर के स्पेल की बात करे तो कुछ गेंदे वह 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से डाल सकता है। उसकी सफलता का राज तेजी के साथ-साथ बॉलिंग पर कंट्रोल है। निश्चित तौर पर वह लगातार तेजी से बॉलिंग के साथ साथ उस पर नियंत्रण बनाए रखता है। सामान्यतया बेहतर यार्कर और स्लोवर वन फेंकना मुश्किल होता है, लेकिन नाथू सिंह में वह सबकुछ है।
 
बता दें कि नाथ सिंह अक्टूबर 2015 में भारत आई दक्षिण अफ्रीका टीम के खिलाफ बोर्ड प्रेसिडेंट एकादश टीम की ओर से प्रैक्टिस मैच खेल चुके हैं। अफ्रीका के खिलाफ इस टीम में सिर्फ तीन फर्स्ट क्लास मैच खेलने वाले नाथू सिंह का भी सिलेक्शन हुआ।

Related Articles

Back to top button