जेपी नड्डा ने गिनाए सरकार के काम, कहा- माकपा ने सिर्फ आतंकवाद और घुसपैठ को दिया बढ़ावा
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) त्रिपुरा के दो दिवसीय दौरे पर हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन उन्होंने अगरतला में एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने माकपा पर जमकर हमला बोला और केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों का गुणगान किया।
प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (मार्क्सवादी) के 35 साल के शासन ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया और आदिवासी, शोषित युवाओं की अनदेखी की। उन्होंने आतंकवाद, घुसपैठ को प्रोत्साहित किया। उग्रवाद अपने चरम पर था और नशीली दवाओं की तस्करी एक फलता-फूलता व्यवसाय था।
नड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार ने त्रिपुरा के सर्वांगीण विकास के लिए काम किया। इसका मतलब है कि बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भारी निवेश किया जा रहा है, औद्योगिक विकास में तेजी आई है, खेल और साहसिक खेलों को प्रोत्साहित किया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार में त्रिपुरा में खेलों को बढ़ावा दिया गया है, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया गया है और पर्यटन को फोकस में लाया गया है। त्रिपुरा में स्टेट कनेक्टिविटी या नेशनल कनेक्टिविटी ही नहीं, बल्कि इंटरनेशन कनेक्टिविटी की तरफ एक लंबी छलांग लगाई है।
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिप्लब देब के नेतृत्व में जब त्रिपुरा में सरकार आई और इसको आगे चलकर डा माणिक साहा ने संभाला तो हर क्षेत्र में विकास हुआ और अष्ट लक्ष्मी स्वरूप त्रिपुरा का उदय हुआ।
‘भूमिहीन मजदूरों को मिला जमीन का मालिकाना हक’
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि चाय बागान में काम करने वाले भूमिहीन मजदूरों को जमीन का मालिकाना हक दिया गया है और शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली पर 85 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
नड्डा ने कहा कि कृषि आय 6500 रुपये प्रति माह से दोगुनी होकर 11,000 रुपये प्रति माह हो गई है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2.5 लाख लाभार्थी हैं और 424 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा की प्रति व्यक्ति आय में 30% की वृद्धि हुई है। SEZ की स्थापना की जा रही है। ये आर्थिक विकास के कुछ संकेतक हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण अक्षरश: किया गया है। सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण दिया गया है। स्वयं सहायता समूहों में 7 गुना वृद्धि हुई है। इन समूहों को सरकार द्वारा प्रोत्साहित और समर्थित किया गया है।