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बैंक ऑफ़ बड़ौदा को अब मिली तीन की शक्ति, बना देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक

लखनऊ: दो सरकारी बैंकों विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय सोमवार एक अप्रैल से प्रभावी हुआ. इसके बाद से विजया बैंक और देना बैंक की सभी शाखाएं अब से बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी. वही विजया और देना बैंक के जमाकर्ताओं सहित सभी ग्राहकों को उक्त तिथि के बाद से बैंक ऑफ बड़ौदा का ग्राहक माना जायेगा. लखनऊ में इस विलय के बारे में जानकारी देते हुए बैंक ऑफ़ बड़ौदा के जनरल मैनेजर और लखनऊ जोन के जोनल हेड डॉ.रामजस यादव ने बताया कि यह समेकित बैंक देश के सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा.

विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हुआ प्रभावी 

इसकी शाखाओं की संख्या 9,500 से अधिक, एटीएम की संख्या 13400 से अधिकऔर कर्मचारियों की संख्या 85,000 से अधिक होगी, जो 120 मिलियन से अधिक ग्राहकों को सेवा देंगे. इसके बाद से बैंक का मिश्रित कारोबार 15 लाख करोड़ रु. से अधिक का होगा और इसके जमा एवं अग्रिम क्रमशः 8.75 लाख करोड़ से अधिक व 6.25 लाख करोड़ से अधिक होंगे.  उन्होंने बताया कि बैंक की योजना तीनों बैंकों की सम्मिलित क्षमता, उनकी सहक्रियाओं को उपयोग में लाने की है और व्यापक ग्राहक आधार के साथ संबंध को गहरा बनाते हुए परिचालनों को बढ़ाने की है.

तीनों बैंकों के सभी ग्राहकों को इस प्रक्रिया का लाभ मिलेगा. 120 मिलियन से अधिक ग्राहक बेहतरीन बैंकिंग सेवा का अनुभव ले सकेंगे और नकद प्रबंधन समाधान, आपूर्ति श्रृंखला वित्तपोषण, वित्तीय प्लानिंग, संपत्ति प्रबंधन सेवाओं आदि सहित व्यापक प्रोडक्ट रेंज का लाभ उठा सकेंगे. 22,000 से अधिक टच प्वाॅइंट्स एवं वर्द्धित ग्राहक पहुंच के साथ, ये लाभ और भी अधिक बढ़ जायेंगे. तीनों बैंकों के एनआरआई ग्राहकों के लिए अब भारत में विशाल नेटवर्क उपलब्ध होगा. वैसे रिजर्व बैंक ने शनिवार को एक बयान में कहा था कि विजया बैंक और देना बैंक के उपभोक्ताओं को एक अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा का उपभोक्ता माना जाएगा. वही  केंद्र सरकार ने अतिरिक्त खर्च की भरपाई के लिये बैंक ऑफ बड़ौदा को 5,042 करोड़ रुपए देने का पिछले सप्ताह निर्णय लिया था.

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