ज्ञान भंडार

इन तीन राशियों पर है शनि की साढ़ेसाती और दो पर ढैय्या, इन मंत्रों से दूर होंगे कष्ट

भगवान शनि की जयंती इस बार 22 मई, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। शनि का जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर हुआ है। इस दिन शनि के लिए तेल का दान करने और शनि मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करने से शनि की कृपा मिलती है। आइए जानते हैं शनि जयंती का महत्व।

  • शनिदेव अच्छे कर्म करने पर अच्छा फल देते हैं और बुरे कर्म करने पर बुरा। शनि देव के पिता सूर्य देव है। हनुमान भक्तों को शनि देव कभी भी परेशान नहीं करते।
  • शनिदेव उन लोगों को शुभ फल प्रदान करते हैं जो मेहनती और गरीबों को भोजन कराते हैं। जो व्यक्ति गरीबों का अपमान करता है उस व्यक्ति पर शनि कभी भी अपनी कृपा द्दष्टि नहीं रखते।
  • शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन उन्हें तेल चढ़ाना चाहिए और पीपल के पेड़ की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए।
  • शनिवार को काले तिल का दान, शमी के पेड़ की पूजा और चमड़े के जूते-चप्पल का दान करना भी शुभ माना गया है।
  • साल 2020 में मकर, कुंभ और धनु राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। वहीं मिथुन और तुला वालों पर शनि की ढैय्या का प्रकोप है।

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